रायपुर में एक शातिर ठग ने करीब 2.75 लाख रुपए की शुरुआती रकम भेजवाकर सरकारी कर्मचारी और उसकी पत्नी से 33 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठग ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में अधिक मुनाफा होने का लालच देकर झांसे में लिया था।
पीड़ित के खाते में जो मुनाफे की रकम भेजी गई थी, वह केरल में हुई एक अन्य ठगी से जुड़ी पाई गई। इसी कारण केरल पुलिस ने पीड़ित स्वास्थ्यकर्मी का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया है।
अब पीड़ित कर्मचारी अपने अकाउंट को अनफ्रीज करवाने के लिए इधर-उधर भटक रहा है। उसने इस संबंध में रायपुर के मोवा थाना में शिकायत दर्ज कराई है और अपने साथ हुई ठगी की पूरी जानकारी पुलिस को दी है।
जानिए कैसे हुआ फ्रॉड
मोवा थाना प्रभारी कमलेश देवांगन के मुताबिक, दलदल सिवनी निवासी मनोज कुमार, जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, को एक ठग ने वॉट्सऐप पर संपर्क किया। ठग ने खुद को SBI Securities और IBHK (IBHKR Z33-Origin Capital Increase Plan) का एजेंट बताया और मनोज को एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया। इस ग्रुप में पहले से कई लोग शामिल थे और शेयर मार्केट में मुनाफे की गारंटी देने के दावे किए जा रहे थे।
7 अक्टूबर को की पहली ट्रांजेक्शन
ठग के झांसे में आकर मनोज कुमार ने 7 अक्टूबर 2024 को अपनी पत्नी के HDFC खाते से यूको बैंक के एक खाते में 2 लाख रुपए ट्रांसफर किए।
वापस मिला मुनाफा और बढ़ा भरोसा
तीन दिन बाद उन्हें 2.75 लाख रुपए मुनाफे के रूप में वापस मिले, जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि निवेश सही जगह किया गया है।
फिर ट्रांसफर किए 32.80 लाख रुपए
इसके बाद 3 से 15 अक्टूबर 2024 के बीच उन्होंने अलग-अलग खातों में 32 लाख 80 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इनमें बंधन बैंक, यूको बैंक, ICICI, HDFC और रोहताश इलेक्ट्रिसिटी जैसे खातों में पैसे भेजे गए।
इस दौरान कुछ रकम उनके HUF खाते से भी ट्रांसफर की गई।
तब खुला ठगी का राज
जब आगे कोई मुनाफा नहीं मिला और खाते में लेनदेन बंद हो गया, तो उन्होंने बैंक से जानकारी ली। तब खुलासा हुआ कि जो 2.75 लाख रुपए मुनाफे के तौर पर आए थे, वह रकम भी केरल में हुए एक फ्रॉड से जुड़ी थी। इसी कारण केरल पुलिस ने उनके बैंक खाते को फ्रीज कर दिया।
अब पीड़ित स्वास्थ्यकर्मी अपने खाते को अनफ्रीज कराने के लिए पुलिस व बैंक के चक्कर काट रहा है।
ठगी के पैसे मनोज के खाते में किए गए ट्रांसफर
मनोज कुमार के बैंक खाते में जो 2.75 लाख रुपए मुनाफे के रूप में ट्रांसफर किए गए थे, वह दरअसल केरल के एक व्यक्ति से ठगी गई रकम थी। जब इस धोखाधड़ी का पता चला तो साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, त्रिशूर (केरल) में इसकी शिकायत दर्ज की गई।
मनोज ने अपने आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट और अन्य जरूरी दस्तावेज ईमेल के जरिए संबंधित अधिकारियों को भेज दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद अब तक उनके बैंक खाते अनफ्रीज नहीं किए गए हैं।
पीड़ित मनोज ने बताया कि उनके खाते से उनकी सैलरी और लोन की किस्तें कटती हैं, इसलिए खाता फ्रीज हो जाने से उन्हें गंभीर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
इन तरीकों से होता है फ्रॉड: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
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शेयर मार्केट में अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर निवेशकों को फंसाना।
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अनजान लोगों के वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़कर गारंटीड मुनाफे का झांसा देना।
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किसी से भी निजी जानकारी साझा न करें, चाहे वह खुद को अधिकारी ही क्यों न बताए।
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खुद को कस्टम विभाग, पुलिस, CBI या ED का अधिकारी बताकर डराना और ठगी करना।
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पार्सल कैंसिल, उसमें एटीएम कार्ड या ड्रग्स मिलने का डर दिखाकर पैसे ऐंठना।
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डिजिटल अरेस्ट के नाम पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देना।
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पार्सल संबंधित कॉल पर किसी नंबर पर कॉल करवाना और कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट करवाकर डाटा चोरी करना।
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इससे पीड़ित की कई महत्वपूर्ण जानकारियां ठगों के पास पहुंच जाती हैं।
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सस्ते या आकर्षक दामों पर ऑनलाइन सामान खरीदते समय हमेशा कैश ऑन डिलीवरी (COD) का विकल्प चुनें।
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अनजान नंबर या व्यक्ति से किसी भी प्रकार की बैंकिंग जानकारी, OTP, आधार लिंक या ऐप डाउनलोड न करें।
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सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम या वॉट्सऐप पर अश्लील वीडियो कॉल या चैट से दूरी बनाकर रखें—इनसे ब्लैकमेलिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
सावधानी ही सुरक्षा है—सोच समझकर करें ऑनलाइन लेनदेन।
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