रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष-2025 के लिए अपनी नई स्थानांतरण नीति को स्वीकृति दे दी है। इस नीति के दायरे से गृह, आबकारी, खनिज, वन, परिवहन, वाणिज्यिक कर, पंजीयन और स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत शिक्षक, साथ ही राज्य के निगम मंडलों, आयोगों और स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों को बाहर रखा गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस नीति को अंतिम रूप दिया गया।
नई नीति के अनुसार, छत्तीसगढ़ में स्थानांतरण प्रक्रिया 14 जून से शुरू होकर 25 जून तक चलेगी। स्थानांतरण के इच्छुक कर्मचारी 6 जून से 13 जून तक अपने आवेदन जमा कर सकते हैं। जिला स्तर पर स्थानांतरण प्रभारी मंत्री की मंजूरी से होंगे, जबकि राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की स्वीकृति आवश्यक होगी। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव, साथ ही जिला स्तर पर कलेक्टरों को राज्य स्तर से जारी स्थानांतरण आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कलेक्टरों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यदि पद जिला संवर्ग का है, तो स्थानांतरण जिले के भीतर ही हो। जिला या संभाग कैडर के कर्मचारियों का स्थानांतरण क्रमशः जिले या संभाग के भीतर ही संभव होगा। स्वीकृत पदों से अधिक पर पदस्थापना नहीं की जाएगी। जिला कार्यालय प्रमुखों को स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार कर जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद आदेश जारी करने को कहा गया है। कलेक्टर को स्थानांतरण आदेश को निरस्त या संशोधित करने का प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग को भेजने का अधिकार भी होगा, जिस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।



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