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IDFC फर्स्ट बैंक के अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए ज़मीन बिक्री का आरोप, रायपुर पुलिस ने दर्ज किया केस

 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में IDFC फर्स्ट बैंक के अधिकारियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए अचल संपत्ति बेचने का गंभीर मामला सामने आया है। डीडी नगर थाना पुलिस ने बैंक के कई वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मामला दर्ज किया है।

शिकायतकर्ता नवनीत चौरसिया के अनुसार, बैंक ने समाचार पत्र में विज्ञापन जारी कर अग्रोहा कॉलोनी स्थित दो संपत्तियों (खसरा नंबर 364/5 और 364/21) की ई-नीलामी करवाई थी। फरवरी 2023 में चौरसिया ने नीलामी में सफल होकर कुल 5.52 लाख रुपये बैंक खाते में जमा किए, लेकिन बाद में पता चला कि विज्ञापन में दी गई जानकारी भ्रामक थी और संबंधित संपत्तियां न तो उस स्थान पर थीं और न ही बैंक के स्वामित्व में। जांच में यह भी सामने आया कि ज़मीन अशोक चंद बैद और राहुल अवधिया के नाम पर पहले से ही दर्ज है।

जब पीड़ित ने संपत्ति के सौदे से जुड़ी सूचना समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई, तो आलोक महावर नामक व्यक्ति ने आपत्ति जताई। दस्तावेज़ों की जांच और स्पष्टीकरण की मांग करने पर बैंक की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसके बाद चौरसिया ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने बैंक के मुंबई स्थित सीईओ, चेन्नई, नागपुर और रायपुर कार्यालयों के प्राधिकृत अधिकारियों सहित शाखा प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 34 और 120 (बी) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।

 

सुझाव: नागरिकों से अपील है कि किसी भी संपत्ति की खरीद या नीलामी में भाग लेने से पहले भूमि के स्वामित्व और वैधता की पूरी तरह से जांच कर लें, और बैंक अथवा संस्था द्वारा दिए गए दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि ज़रूर करें।

 

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