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June 4, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

"संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।"

नेशनल अवॉर्ड

घर-गाड़ी बेच बनाई फिल्म, स्क्रिप्ट लिए दर-दर भटका एक्टर, रिलीज के साथ बना हॉरर का बादशाह और जीता नेशनल अवॉर्ड

मनोरंजन जगत में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अपनी स्थिर नौकरी या सफल करियर को छोड़कर एक्टिंग और फिल्म निर्माण का रास्ता चुना। ऐसे ही एक नाम है अभिनेता और निर्माता सोहम शाह का, जिन्होंने फिल्म बनाने के लिए अपना रियल एस्टेट बिजनेस छोड़ दिया और मुंबई का रुख किया। उन्होंने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस रीसायकलवाला फिल्म्स शुरू किया और 2012 में ‘शिप ऑफ थीसियस’ जैसी सराही गई फिल्म बनाई, जिसने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिलाया। हालांकि, उनकी अगली फिल्म ‘तुम्बाड’ के लिए उन्हें सालों संघर्ष करना पड़ा। इस फिल्म को बनाने में उन्हें पूरे 7 साल लग गए।

2018 में रिलीज हुई ‘तुम्बाड’ शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली, लेकिन नेटफ्लिक्स पर आने के बाद इसे जबरदस्त लोकप्रियता मिली और इसे भारत की सर्वश्रेष्ठ हॉरर फिल्मों में गिना जाने लगा। इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि फिल्म को दोबारा सिनेमाघरों में रिलीज किया गया, जहां इसने 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का कलेक्शन किया। IMDb पर इसे 8.2 रेटिंग भी मिली है।

सोहम शाह ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट को शुरू में कोई खरीदना नहीं चाहता था। इसलिए उन्होंने खुद इस प्रोजेक्ट को प्रोड्यूस करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्हें अपना घर, गाड़ी और प्रॉपर्टी तक बेचनी पड़ी। आर्थिक रूप से टूटने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।

‘तुम्बाड’ की स्क्रिप्ट निर्देशक राही अनिल बर्वे ने सबसे पहले 1997 में लिखी थी। इसका टाइटल मराठी उपन्यास ‘तुम्बाडचे खोट’ से लिया गया। राही ने 2009-10 में इसका 700 पन्नों का स्टोरीबोर्ड तैयार किया था। अंततः जब फिल्म बनी तो यह भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक हॉरर कृति साबित हुई।

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