छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एयरफोर्स के एक जवान की AK-47 रायफल और उससे जुड़ी मैगजीन चालीस राउंड के साथ चोरी हो गई। यह घटना अंबाला के पास हुई जब जवान लुधियाना की ओर यात्रा कर रहा था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह चोरी ट्रेन के वातानुकूलित (AC) कोच में हुई, जिसे आमतौर पर सबसे सुरक्षित माना जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर एक सैनिक का हथियार, जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है, एसी कोच में भी सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों के कीमती सामान, मोबाइल, पर्स या बैग की सुरक्षा का क्या भरोसा किया जा सकता है? यह घटना रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है।
रेल यात्रियों को अक्सर भरोसा दिलाया जाता है कि उनके सामान की सुरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है, लेकिन ऐसी घटनाएं उस भरोसे को तोड़ देती हैं। जब ट्रेंड और सतर्क जवान का सामान चोरी हो सकता है, तो आम यात्रियों के लिए खतरा और भी बड़ा हो जाता है।
यह सिर्फ एक चोरी नहीं, बल्कि रेलवे की सुरक्षा में गहराई तक छुपी लापरवाही की निशानी है। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को अपनी व्यवस्था में तत्काल सुधार करना होगा। यात्रियों की सुरक्षा सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, एक भरोसे का सवाल है—जिसे हर हाल में कायम रखनाहोगा।



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