नई दिल्ली : भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया। इसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर स्ट्राइक की गई। वहीं अब सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें विपक्ष के भी कई बड़े नेता शामिल हुए। यह बैठक अब खत्म हो चुकी है। लेकिन बैठक खत्म होने के साथ ही बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसमें ये बताया जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।
केंद्र सरकार ने आज ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। यह मीटिंग फिलहाल खत्म हो चुकी है। इस मीटिंग में केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सदस्यों को ब्रीफ किया। सूत्रों का दावा है कि इस मीटिंग में राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, यह अब भी जारी है। राजनाथ सिंह ने इस बैठक में कहा कि ऑपरेशन अभी चल रहा है और बॉर्डर पर हालात तेजी से बदल रहे हैं, इसलिए हम अभी डिटेल्स शेयर नहीं कर पाएंगे। वहीं इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति का भी मुद्दा उठाया। साथ ही मीडिया रिपोर्ट में राफेल को लेकर जो दावा किया जा रहा है, उसपर भी सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया गया है।
इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, जे पी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने हिस्सा लिया। वहीं कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे इस बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और द्रमुक के टी आर बालू इस बैठक में शामिल हुए। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की।
अन्य विपक्षी नेताओं में समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले, बीजद के सस्मित पात्रा और माकपा के जॉन ब्रिटास शामिल हैं। इनके अलावा जद (यू) नेता संजय झा, केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान तथा एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक का हिस्सा थे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार सभी दलों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी देना चाहती है। पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। इससे पहले सरकार ने पहलगाम हमले के बारे में सभी दलों के नेताओं को जानकारी देने के लिए 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
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