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छत्तीसगढ़ में भूमि और भवन गाइडलाइन में बड़ा बदलाव, रजिस्ट्री अब गाइडलाइन दर पर — मध्यम वर्ग को मिल सकती है बड़ी राहत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने आम जनता, खासकर मध्यम वर्ग के हित में भूमि और भवन से संबंधित नियमों में अहम बदलाव किए हैं। नए प्रावधानों के तहत अब संपत्ति की रजिस्ट्री गाइडलाइन दर पर ही होगी, चाहे सौदे की वास्तविक राशि उससे अधिक ही क्यों न हो। इसके अलावा भवन अनुज्ञा शुल्क और भूमि विकास नियमों में भी सुधार किया गया है। यह कदम राज्य में पारदर्शिता बढ़ाने और अनावश्यक आर्थिक बोझ से नागरिकों को राहत देने की दिशा में बड़ा निर्णय माना जा रहा है।

गाइडलाइन दर पर ही लगेगा रजिस्ट्री शुल्क

राज्य सरकार द्वारा घोषित नई व्यवस्था के तहत यदि किसी संपत्ति की गाइडलाइन दर ₹10 लाख है और उसका बाजार मूल्य ₹15 लाख है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क ₹10 लाख पर ही लिया जाएगा। इससे खरीदारों को ₹20,000 या उससे अधिक की सीधी बचत हो सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय बढ़ती महंगाई और आवासीय खरीद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे बैंक लोन प्रक्रिया भी अधिक सरल होगी क्योंकि अब संपत्ति का मूल्य खुलकर सामने आ सकेगा।

भवन अनुज्ञा शुल्क में बदलाव के प्रस्ताव

नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने भवन अनुज्ञा शुल्कों में संशोधन के लिए प्रस्ताव जारी किया है:

विकास अनुज्ञा शुल्क: ₹5,000 प्रति हेक्टेयर

भवन अनुज्ञा शुल्क: ₹1 प्रति वर्ग मीटर

इस प्रस्ताव पर 30 दिनों की अवधि में आम जनता से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। अंतिम आदेश इसके बाद जारी किया जाएगा।

भूमि विकास नियमों में भी संशोधन

1984 में लागू छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम में भी अब संशोधन किया गया है, जिससे प्लॉटिंग, भवन निर्माण और विकास की प्रक्रियाओं में स्पष्टता और पारदर्शिता आएगी। इसके अंतर्गत:

नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में सरलीकरण

विकास अनुमति के लिए एकीकृत ऑनलाइन प्रणाली

शहरों में अतिक्रमण पर नियंत्रण की दिशा में प्रभावी प्रावधान

मध्यम वर्ग और निवेशकों के लिए फायदेमंद

इन गाइडलाइन परिवर्तनों से खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों को लाभ होगा जो वर्षों से अपनी खुद की संपत्ति लेने की योजना बना रहे थे। साथ ही यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करेगा और निर्माण गतिविधियों को नई रफ्तार देगा।

सरकार का उद्देश्य — पारदर्शिता और सरलता

राज्य सरकार का कहना है कि इन निर्णयों का उद्देश्य लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और सरल प्रणाली उपलब्ध कराना है ताकि राज्य का भूमि प्रबंधन और भवन अनुज्ञा प्रणाली डिजिटल और भरोसेमंद बन सके।

(स्रोत: हरिभूमि, छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ शासन अधिसूचना, चतुर पोस्ट)

 

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