गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। मरवाही विकासखंड के ग्राम पंचायत करहनी में राशन दुकान संचालक पर गरीब आदिवासी ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर राशन घोटाले का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से दुकान संचालक चावल और तेल के वितरण में हेराफेरी कर रही है। राशन वितरण की समयसीमा का पालन नहीं किया जाता, और दुकान भी मनमाने समय पर खोली जाती है।
इतना ही नहीं, शिकायत में यह भी उल्लेख है कि राशन दुकान संचालक मितानिन की जिम्मेदारी भी निभा रही है – एक महिला द्वारा दो जिम्मेदारियों को संभालना न केवल सेवा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि हितग्राहियों के साथ अन्याय भी है।
शिकायत हुई… लेकिन कार्रवाई गायब:
28 मार्च 2025 को ग्रामीणों ने मरवाही एसडीएम को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बचा हुआ राशन का पैसा भी संचालक द्वारा गबन कर लिया जाता है। थक-हारकर अब वे अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में हैं।
खबरों का राजा की पड़ताल में खुली पोल:
जब “खबरों का राजा” की टीम मौके पर पहुंची, तो दुकान संचालक फरार हो गई। फोन पर संपर्क करने की कोशिश भी नाकाम रही। स्थानीय उपभोक्ताओं के आरोपों की पुष्टि मौके पर मौजूद टीम ने की।
अब क्या करेगा प्रशासन?
सरकारी वितरण प्रणाली में लगातार हो रही इस तरह की धांधलियों से सरकारी तंत्र की साख पर सवाल उठ रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन अब इस मामले में कैसी कार्रवाई करता है – क्या एक नजीर पेश होगी या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
पूरे प्रकरण ने दिखा दिया है कि अगर निगरानी तंत्र सुस्त हो, तो गरीबों के हिस्से का अन्न भी लूट लिया जाता है।
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