भारतीय रुपये में मजबूती का दौर जारी है। सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 40 पैसे की बड़ी छलांग लगाकर 85.05 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी डॉलर की कमजोरी और घरेलू शेयर बाजारों की तेजी के कारण यह उछाल देखने को मिला। विदेशी निवेश में वृद्धि और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड देने की घोषणा ने भी रुपये को मजबूती प्रदान की।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 85.02 प्रति डॉलर पर खुला और तेजी के साथ 84.98 तक पहुंचा, बाद में यह 85.05 पर स्थिर हुआ। पिछले सत्र में रुपया 85.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
रुपया मजबूती के कई कारण हैं, जिनमें भारत की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, बेहतर मानसून की संभावना, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और मजबूत रक्षा प्रणाली, महंगाई पर नियंत्रण, तेज होती GDP रफ्तार, विदेशी निवेश में इजाफा और डॉलर इंडेक्स में गिरावट शामिल हैं।
वहीं, डॉलर इंडेक्स छह प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले 0.34% गिरकर 98.67 पर आ गया। घरेलू शेयर बाजारों में भी तेजी रही, जहां बीएसई सेंसेक्स 630.68 अंक चढ़कर 82,351.76 पर पहुंचा और निफ्टी 187 अंक बढ़कर 25,040.15 पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.32% बढ़कर 64.99 डॉलर प्रति बैरल रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की गतिविधियां भी बाजार में महत्वपूर्ण रहीं, हालांकि शुक्रवार को एफआईआई ने 1,794.59 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है। इसके बावजूद, 16 मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.888 अरब डॉलर घटकर 685.729 अरब डॉलर रह गया।
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