Agahan Maas 2025 : अघहन या मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का अत्यंत पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। यह समय प्रकृति, वातावरण और मन—तीनों को सात्त्विक बनाता है, जिससे भक्ति, साधना और आध्यात्मिक चिंतन में मन सहज रूप से स्थिर हो जाता है। शास्त्रों में इस मास में स्नान, दान, दीपदान, तुलसी-पूजन और विष्णु आराधना को विशेष फलदायी बताया गया है।
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गीता उपदेश का पवित्र समय | Agahan Maas Geeta Jayanti
अघहन मास का महत्व इसलिए भी अत्यधिक बढ़ जाता है क्योंकि परंपरा के अनुसार इसी महीने भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था।
श्रीकृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है—
“मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”
अर्थात्— महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं।
इस कथन से यह महीना ज्ञान, धर्म और आत्मबोध का प्रतीक बन जाता है।
विष्णु भक्ति का सर्वोत्तम समय | Vishnu Puja in Agahan Maas
अघहन मास भगवान विष्णु की आराधना के लिए अत्यंत अनुकूल समय माना गया है।
इस महीने में—
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हर गुरुवार व्रत
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विष्णु सहस्रनाम का पाठ
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पीले वस्त्र पहनकर पूजन
विशेष फलदायी माना गया है।
मान्यता है कि इससे जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक स्थिरता आती है। चूंकि श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार हैं, इसलिए यह महीना उनके लिए विशेष प्रिय है।
दान-पुण्य का श्रेष्ठ महीना | Agahan Maas Daan
शास्त्रों में अघहन मास को दान-पुण्य का सबसे पवित्र समय बताया गया है। इस दौरान—
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अन्नदान
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वस्त्रदान
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दीपदान
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जरूरतमंदों की सहायता
का फल कई गुना अधिक प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस महीने में किया गया दान पितरों व देवताओं दोनों को प्रसन्न करता है। इसलिए इसे पुण्य संचय का समय कहा गया है।



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