Categories

November 27, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Margashirsha Amavasya 2025 : पितृ तर्पण और भगवान विष्णु की पूजा का सर्वोत्तम दिन, जानें तारीख, महत्व और दीपक जलाने के उपाय

Margashirsha Amavasya 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह को अत्यंत पवित्र माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” अर्थात महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस महीने में आने वाली मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष यह तिथि 20 नवंबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन पितरों के तर्पण, भगवान विष्णु की पूजा और दान-पुण्य कार्य करने से कई गुणा फल प्राप्त होता है।

Agriculture Minister Netam : 15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, हड़ताल से प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी

 मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन किए गए पितृ तर्पण से पितृ दोष शांत होता है। साथ ही भगवान विष्णु और तुलसी माता की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इस दिन दीपदान और दान का विशेष फल मिलता है।

 मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये खास उपाय

🔹 पितृ दोष निवारण के लिए

शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है कि पीपल में सभी देवी-देवता और पितरों का वास होता है। ऐसा करने से परिवार में शांति और सुख बढ़ता है।

🔹 आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए

घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर घी के दो दीपक जलाएं और माता लक्ष्मी व भगवान विष्णु का ध्यान करें। यह उपाय करने से धन की स्थिरता आती है और आर्थिक तंगी समाप्त होती है।

🔹 रोग-दोष से छुटकारा पाने के लिए

घर के पूजा स्थल में भगवान विष्णु के सामने तुलसी की मंजरी रखकर दीपक जलाएं। मार्गशीर्ष माह में तुलसी और विष्णु पूजा से रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है।

🔹 नकारात्मकता दूर करने के लिए

सूर्यास्त के बाद शनि देव को समर्पित तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे शनि दोष और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।

🔹 मनोकामना पूर्ति के लिए

किसी पवित्र नदी के तट पर आटे का दीपक बनाकर उसमें घी या तेल डालकर प्रवाह करें। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में शुभता बढ़ती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 तिथि और पूजन मुहूर्त

  • 🗓️ तारीख: 20 नवंबर 2025 (गुरुवार)

  • 🕓 अमावस्या तिथि आरंभ: 19 नवंबर रात्रि 11:45 बजे

  • 🕞 अमावस्या तिथि समाप्त: 20 नवंबर रात्रि 10:10 बजे

About The Author