नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की तैयारी, छत्तीसगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत
राज्य सरकार की बार-बार की अपील को दरकिनार कर हथियार न छोड़ने वाले नक्सलियों के खिलाफ अब निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में इस अंतिम लड़ाई की रूपरेखा तैयार की गई।
बैठक में यह तय किया गया कि आगामी छह महीनों में छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में 50 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही हर पांच किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा चौकियां बनाकर एक मजबूत सुरक्षा ग्रिड तैयार की जाएगी, जिससे किसी भी नक्सली गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
ड्रोन से निगरानी और त्वरित एक्शन
राज्य के दुर्गम और घने जंगलों में अब पांच से 25 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम अत्याधुनिक ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जाएगी। जैसे ही किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलेगी, सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम तुरंत कार्रवाई करेगी। रणनीति इस प्रकार बनाई गई है कि नक्सलियों को न तो भागने का मौका मिले और न ही नए ठिकाने बनाने की कोई गुंजाइश रहे।
60 सुरक्षा कैंप पहले ही स्थापित
विष्णु देव साय के नेतृत्व में बनी राज्य सरकार के कार्यकाल में अब तक 60 सुरक्षा कैंप खोले जा चुके हैं, जिनमें से 41 अकेले बस्तर संभाग में स्थापित किए गए हैं। बैठक में यह भी सामने आया कि ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के अंतर्गत खोले गए इन शिविरों से नक्सलियों का प्रभाव कई क्षेत्रों में लगभग समाप्त हो गया है। इसके अलावा सुकमा-आंध्र प्रदेश सीमा और ओडिशा से लगे इलाकों में भी जल्द ही नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जाएंगे।
दिल्ली में होगी अगली अहम बैठक
15 से 20 अप्रैल के बीच दिल्ली में एक और महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होगी, जिसकी अध्यक्षता भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इस बैठक में छत्तीसगढ़ सहित सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक हिस्सा लेंगे। बैठक का उद्देश्य नक्सलियों की पूर्ण घेरेबंदी और समाप्ति के लिए समन्वित रणनीति तैयार करना होगा, खासकर अंतर्राज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा और चौकसी को बढ़ाना प्रमुख एजेंडा रहेगा।
सड़क कनेक्टिविटी से बदला हालात
बीजापुर जिले के सात गांवों में, जहां दशकों से कोई सड़क नहीं थी, सुरक्षा कैंप बनने के बाद 30 साल बाद सड़क मार्ग बहाल हुआ है। इससे पामेड़ जैसे सुदूर सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचना अब आसान हो गया है।
मिशन कगार-2026 के तहत भारी तैनाती
‘मिशन कगार-2026’ के तहत बस्तर क्षेत्र में इस समय 60 हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। इसके अलावा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की चार नई बटालियन भी क्षेत्र में भेजी गई हैं, जिससे अभियान को और अधिक मजबूती मिलेगी।
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