SIR Report , रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए चलाए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान का पहला चरण पूरा हो चुका है। फार्म जमा करने की तय समय-सीमा बीती रात 12 बजे समाप्त हो गई है। इसके बाद अब प्रदेश की राजनीति और प्रशासन की नजरें निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की जाने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि इस सूची के सामने आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि राज्य में कितने मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं।
SIR Report : SIR रिपोर्ट का असर रायपुर में 5 लाख वोटर सूची से बाहर होने की आशंका

एक प्रमुख न्यूज चैनल की विशेष छत्तीसगढ़ में 27 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से कट सकते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये वे मतदाता हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जो स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गए हैं, जिनके नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज हैं, या फिर जो बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को सत्यापन के दौरान अपने पते पर नहीं मिले।

राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां करीब 5 लाख वोटरों के नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसी तरह बिलासपुर में लगभग साढ़े तीन लाख, दुर्ग जिले में 2 लाख से अधिक, बलौदाबाजार-भाटापारा में करीब सवा लाख, कोरबा में सवा लाख से ज्यादा, रायगढ़ में लगभग 80 हजार और महासमुंद जिले में 90 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो सकते हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि SIR का मकसद मतदाता सूची को पूरी तरह पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है, ताकि फर्जी, डुप्लीकेट और अमान्य नामों को हटाया जा सके। इससे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ेगी और वास्तविक मतदाताओं को उनका अधिकार बिना किसी गड़बड़ी के मिल सकेगा।

हालांकि, संभावित रूप से इतने बड़े पैमाने पर नाम कटने की खबर ने राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। विपक्षी दल इसे लोकतंत्र से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि सत्तापक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया नियमों के तहत और पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है।

अब अगला अहम चरण ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद आम नागरिकों को आपत्ति और दावा दर्ज कराने का मौका मिलेगा। निर्वाचन आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी योग्य मतदाता का नाम गलती से कट जाता है, तो वह निर्धारित प्रक्रिया के तहत अपना नाम दोबारा जुड़वा सकता है।

कुल मिलाकर, SIR प्रक्रिया के बाद छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसका सीधा असर आने वाले चुनावों पर भी पड़ने की संभावना है।



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