वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। मगर I.N.D.I.A ब्लॉक बिल को चुनौती देने के मामले में एकजुट नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस और डीएमके ने विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का एलान किया है।
इस बीच बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सबसे पहले विधेयक को शीर्ष अदालत में चुनौती दी। उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी।
हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे: राउत
सुप्रीम कोर्ट में विधेयक को चुनौती देने के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की राय गठबंधन से अलग है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संजय राउत का कहना है कि हमने हमारा काम कर दिया है। संसद के दोनों सदनों में जो बोलना था… वो बोल दिया गया है। हमारे लिए यह फाइल अब बंद हो गई है। हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे।
विधेयक लाना व्यवसाय जैसा कदम
संसद के दोनों सदनों में शिवसेना (यूबीटी) ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया। संजय राउत ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम हितों की रक्षा की खातिर नहीं लाया गया, बल्कि यह एक व्यापार या व्यवसाय जैसा कदम है। सरकार का ध्यान मुसलमानों के कल्याण की बजाय बेशकीमती वक्फ संपत्तियों और भूमि को अधिग्रहित करने पर है। इनकी अनुमानित कीमत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है।
‘2 लाख करोड़ की संपत्ति पर दिलचस्पी’
संजय राउत ने कहा, “ऐसे बिल व्यापार या व्यवसाय से कम नहीं हैं। सरकार मुसलमानों की रक्षा करने का दावा करती है। मगर वास्तव में उनकी रुचि 2 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों और भूमि पर है। विधेयक को मुसलमानों या उनकी संपत्तियों की देखभाल करने के लिए नहीं बल्कि उनकी जमीन को हड़पने की खातिर लाया गया है।”
जल्द जमीन हड़प लेंगे: राउत
संजय राउत ने आगे कहा कि हम अपनी बात रखेंगे और इसका विरोध करेंगे। यह विधेयक मुसलमानों या मुसलमानों की संपत्तियों की देखभाल के लिए नहीं बल्कि मुसलमानों की जमीन हड़पने के लिए लाया गया है। जब वे जमीन देखते हैं तो पागल हो जाते हैं। वे जल्द ही वक्फ की जमीन हड़प लेंगे।



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