Categories

October 15, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Sharadiya Navratri 2025 :नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना, जानें पूजा विधि और आरती

दिल्ली। शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व का आज दूसरा दिन है। यह दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। ‘ब्रह्म’ का अर्थ है तपस्या और ‘चारिणी’ का अर्थ है आचरण करने वाली, इसीलिए इन्हें तप और त्याग की देवी माना जाता है। मान्यता है कि इनकी आराधना से व्यक्ति को तपस्या, वैराग्य, संयम और त्याग की शक्ति मिलती है।

DoubleMurder : आपसी विवाद ने ली दो जानें, पिता-पुत्र की हत्या, दूसरा बेटा गंभीर घायल

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। हजारों सालों तक उन्होंने सिर्फ फल, फूल और पत्तियां खाकर यह तप किया, जिसके बाद उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। यही वजह है कि उनकी पूजा से भक्तों को सफलता के मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं से लड़ने की हिम्मत मिलती है।

आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को पवित्र करके मां की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें सफेद या पीले रंग के फूल, विशेष रूप से गुड़हल के फूल और कमल के फूल अर्पित करें। मां को मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। इसके बाद उनकी आरती कर आशीर्वाद प्राप्त करें।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा। जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता

कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए। उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला लेकर। जपे जो मंत्र श्रद्धा देकर। आलस छोड़ करे गुण गाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना। ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम। भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।

About The Author