प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने गुजरात दौरे के दौरान दाहोद में 9000 हॉर्स पावर के नए रेल इंजन को हरी झंडी दिखाई। यह इंजन भारत का दूसरा सबसे शक्तिशाली रेल इंजन है, जो 5800 टन वजन के माल को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से खींच सकता है। भारत का सबसे शक्तिशाली रेल इंजन 12,000 हॉर्स पावर वाला WAG 12 है, जो भी माल ढुलाई के लिए इस्तेमाल होता है। इस 9000 हॉर्स पावर के इंजन को जर्मन कंपनी सीमेंस ने तैयार किया है।
सीमेंस ने भारतीय रेलवे के लिए 1200 ऐसे इलेक्ट्रिक इंजन डिजाइन, निर्माण और मेंटेनेंस का बड़ा प्रोजेक्ट हासिल किया है। दाहोद में 21,405 करोड़ रुपये की लागत से बने इस लोकोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट और रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप का उद्घाटन भी पीएम मोदी ने किया। यह प्लांट घरेलू जरूरतों के साथ-साथ निर्यात के लिए भी 9000 हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन बनाएगा।
रेलवे का लक्ष्य माल ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक पहुंचाना है। सीमेंस की फैक्ट्रियां नासिक, औरंगाबाद और मुंबई में इस प्रोजेक्ट के लिए जरूरी पार्ट्स बनाती हैं, जबकि अंतिम असेंबली और परीक्षण दाहोद में किया जाता है। सीमेंस के सीईओ सुनील माथुर ने कहा कि यह कदम भारत सरकार की महत्वाकांक्षा को साकार करने में अहम है।
यह इंजन दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंजन में शामिल है, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत टेक्नोलॉजी भारत में ही विकसित की गई है। लोको में लोको पायलट के आराम के लिए एसी और टॉयलेट जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मौजूद हैं।
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