मुजफ्फराबाद/ दिल्ली: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ नागरिकों का गुस्सा अब चरम पर पहुँच गया है। बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों पर पाक सेना की गोलीबारी में कई नागरिकों के मारे जाने के बाद, प्रदर्शनकारी नेताओं ने इस्लामाबाद पर तीखा हमला किया है।’अवामी एक्शन कमेटी’ (AAC) के वरिष्ठ नेता शौकत नवाज मीर ने पाकिस्तानी सरकार और सेना की तुलना “डायन” से की, जो “अपने ही बच्चों” को मार रही है।
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विरोध प्रदर्शन और सेना की कार्रवाई
PoK के विभिन्न हिस्सों, खासकर मुजफ्फराबाद, बाग और मीरपुर में कई दिनों से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन जारी हैं। ये प्रदर्शन बिजली के बढ़े बिलों, खाद्य पदार्थों की कमी और बुनियादी अधिकारों के हनन के विरोध में शुरू हुए थे, लेकिन अब इन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान के सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठान को चुनौती देना शुरू कर दिया है।
- दर्जनों नागरिकों की मौत: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 12 नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि 200 से अधिक घायल हुए हैं। हिंसा में तीन पुलिसकर्मियों के भी मारे जाने की खबर है।
- ‘आजाद कश्मीर’ शोषण की जंजीरों में: शौकत नवाज मीर ने हज़ारों प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि तथाकथित ‘आजाद कश्मीर’ बिलकुल भी आजाद नहीं है, बल्कि यह दशकों के शोषण और दमन की जंजीरों में जकड़ा हुआ है।
- मीडिया पर प्रतिबंध: मीर ने आरोप लगाया कि पाक सेना और सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने के लिए स्थानीय मीडिया को चुप करा रही है, ताकि बर्बरता की खबरें बाहर न जा सकें।
ऐतिहासिक मोड़ पर PoK आंदोलन
जानकारों का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों की यह तीव्रता और लहजा दशकों बाद PoK में एक ऐतिहासिक मोड़ है। पहली बार लोग खुलकर इस्लामाबाद और सैन्य शासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं, जिससे ‘आज़ादी’ का सरकारी मुखौटा टूट गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि या तो उन्हें उनके 70 वर्षों से वंचित मौलिक अधिकार दिए जाएं, या वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
पाक सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बाधित कर दिया है और पंजाब प्रांत से अतिरिक्त सेना को PoK भेजा है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
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