Monsoon session of parliament : नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया, और पहले ही दिन से राजनीतिक गर्मी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से करीब 10 मिनट बातचीत की और संसद की कार्यवाही को सुचारु एवं सार्थक बनाने पर जोर दिया।
पीएम मोदी बोले—‘डेमोक्रेसी कैन डिलीवर’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने सिद्ध किया है कि लोकतंत्र काम कर सकता है और परिणाम दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह सत्र “विकसित भारत के प्रयासों में नई ऊर्जा भरने का अवसर” होना चाहिए।
पीएम मोदी ने विपक्ष से अपील की कि वे पराजय की निराशा से बाहर निकलकर देश के हित से जुड़े मुद्दे उठाएं। उन्होंने कहा —
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“यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए।”
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“नई पीढ़ी के सांसदों को अनुभवी सदस्यों से सीखने का मौका मिलना चाहिए।”
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“यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। संसद को राष्ट्रनीति पर सार्थक चर्चा का मंच बनना चाहिए।”
पहले दिन से हंगामे के आसार
संसद का माहौल शुरू से ही गर्म रहने वाला है। विपक्षी दल कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं—
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SIR (Special Investigation Request) से जुड़े मुद्दे
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आंतरिक सुरक्षा
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लेबर कोड सुधार
वहीं दूसरी ओर, सरकार चाहती है कि सदन में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा कराई जाए। दोनों पक्षों की मांगों के चलते पहले दिन से ही जोरदार बहस और हंगामे की संभावना है।
19 दिनों का सत्र, 15 बैठकें और 10 नए बिल
शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आयोजित होगा। इस दौरान—
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19 दिन में कुल 15 बैठकें होंगी
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सरकार 10 नए बिल पेश कर सकती है
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इनमें एटॉमिक एनर्जी बिल भी शामिल है, जिस पर खास नजर रहेगी
विपक्ष की रणनीति सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की है, जबकि सरकार विकास और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को आगे बढ़ाना चाहती है।



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