नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार शुक्रवार, 19 सितंबर को आश्विन माह की त्रयोदशी तिथि है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है।
Road Accident : बस्तर फाइटर के जवान की सड़क हादसे में मौत, कार और बाइक की जोरदार टक्कर
साथ ही, त्रयोदशी तिथि पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किया जाएगा। गरुड़ पुराण में वर्णित है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। उनकी कृपा से जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
विशेष रूप से प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की भक्ति भाव से पूजा की जाती है और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किए गए व्रत और तर्पण से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
More Stories
EDITORIAL-7: मनरेगा के ‘अदृश्य योद्धा’ मूक संघर्ष और सरकारी उपेक्षा
Dhanteras 2025 : घर में मां लक्ष्मी का स्वागत, जानें क्या लाना चाहिए
रायपुर में ‘अमृत मिशन 2.0’ की पाइप चोरी रैकेट का खुलासा, पांच आरोपी नामजद