रायपुर, छत्तीसगढ़: आठवें वेतनमान के लिए कमेटी के गठन और पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर देशव्यापी आंदोलन के तारतम्य में राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेशभर में जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के आह्वान पर यह मुहिम चलाई जा रही है। इसी कड़ी में, 3 जुलाई को सभी जिलों में कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके साथ ही, प्रदेश के कर्मचारियों की स्थानीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम भी एक अलग ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।
राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष अरुण तिवारी और प्रदेश महामंत्री ए.के. चेलक ने एक जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। प्रदेश महामंत्री ए.के. चेलक ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हर 10 साल में वेतन आयोग गठित करने का प्रावधान है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, जिसके हिसाब से 2026 में आठवां वेतनमान लागू होना है। हालांकि, केंद्र सरकार ने केवल कमेटी गठन करने की घोषणा की है, पर इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। केंद्र सरकार को जगाने के लिए भारतीय मजदूर संघ से जुड़े संगठन पूरे देश में जनजागरण अभियान चला रहे हैं, जिसमें राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ भी सक्रिय रूप से भागीदार है।
ए.के. चेलक ने आगे बताया कि मध्यप्रदेश के चित्रकूट में 11 जनवरी को हुई सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ की राष्ट्रीय बैठक में एनपीएस के स्थान पर लागू की गई पेंशन योजना यूपीएस को भी निरस्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने हेतु केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का निर्णय लिया गया था। यूपीएस में कर्मचारियों के अंशदान का अधिकांश हिस्सा सरकार के पास रहने और सेवानिवृत्ति लाभों में कटौती से कर्मचारियों में भारी असंतोष है।



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