छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को लेकर अहम निर्णय लिए हैं, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था और सेवाओं पर व्यापक असर पड़ रहा है। पहले लागू की गई फाइव डे वीक व्यवस्था, जिसमें सभी शनिवार अवकाश घोषित किए गए थे, अब सरकार के पुनर्विचार के दायरे में आ गई है। जानकारी के अनुसार, अप्रैल 2025 के 11 कार्यदिवसों में से 7 दिन छुट्टियां होने के कारण कार्यालय केवल 4 दिन ही खुले रहे। इससे विभागीय कामकाज प्रभावित हुआ है और कई योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी देखी गई है। यही कारण है कि अब सरकार सप्ताह में छह दिन कार्य प्रणाली फिर से शुरू करने की तैयारी कर रही है।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने “सुशासन तिहार” अभियान के चलते 8 अप्रैल से 31 मई 2025 तक सभी विभागों में अवकाश पर अस्थायी रोक लगा दी है। इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करना और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना है। इस दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को सामान्य परिस्थिति में अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा, केवल अत्यावश्यक मामलों में ही वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति से छुट्टी मिल सकेगी।
वहीं, पुलिस विभाग में भी छुट्टियों पर सख्ती दिखाई गई है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) अरुण देव गौतम द्वारा जारी आदेश के तहत सभी अधिकारियों को मुख्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है। अवकाश केवल अति आवश्यक परिस्थितियों में, विशेष अनुमति से ही मंजूर होंगे।
सरकार के इन फैसलों का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में गति लाना और जनसेवा को प्राथमिकता देना है, लेकिन कर्मचारियों के बीच इन बदलावों को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।



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