नई दिल्ली।’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने महासभा में यह दावा किया कि उनका देश भारत के साथ शांति चाहता है, लेकिन भारत ने इसे दिखावटी बयान करार दिया और कहा कि अगर पाकिस्तान सच में शांति चाहता है तो रास्ता साफ है — सभी आतंकवादी शिविर तुरंत बंद किए जाएँ और भारत द्वारा मांगे गए आतंकवादियों को सौंपा जाए।
भारत ने शहबाज़ शरीफ़ के भाषण को “अजब तमाशा और आतंकवाद की प्रशंसा जैसा बताया है और कहा है कि इस तरह के नरेटिव तथ्यों को छुपा नहीं पाते। भारतीय प्रतिनिधि ने यह भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान को आतंकवाद निर्यात और वहां चल रहे आतंकी ठिकानों के इतिहास के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
Excise Scam :EOW ने पेश किया दोनों आरोपियों को ACB/EOW कोर्ट में
रिपोर्टों के अनुसार भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि भारत ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की है और वह किसी भी ऐसे दावे को स्वीकार नहीं करेगा जो आतंकी संरचनाओं को ढकने का प्रयत्न करे। भारत ने पाकिस्तान पर यह भी आरोप लगाया कि उसके कुछ वक्ताओं और मंत्रियों ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वहां दशकों से आतंकवादी शिविर संचालित रहे हैं — इसीलिए कार्रवाई अपरिहार्य है।
विदेश नीति विश्लेषकों का कहना है कि यूएन जैसे मंच पर दोनों देशों के बीच इस तरह की तकरार कूटनीतिक स्तर पर तनाव बढ़ाने का संकेत देती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आम तौर पर क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद-रोधी सहयोग की अपेक्षा करता है।
More Stories
महंगाई दर में बड़ी गिरावट, अगस्त में 2.07% से घटकर 1.54%
Ceasefire In Gaza : ट्रंप की शांति योजना से हमास और इजरायल में सहमति
Cough Syrup: किडनी फेलियर से हुई बच्चों की मौत, जांच में खुली फार्मा कंपनी की पोल