रायपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई एक युवती के साथ लंबे समय तक दुष्कर्म किया गया। आरोपी डॉक्टर विक्रम डड़सेना ने खुद को अविवाहित बताकर पीड़िता को शादी का झांसा दिया और उसका विश्वास जीतकर शारीरिक संबंध बनाए। बाद में डॉक्टर ने उससे शादी तो की, लेकिन कुछ समय बाद उसे छोड़ दिया। जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर पहले से शादीशुदा था।
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घटना सामने आने के बाद पीड़िता ने 20 जनवरी 2024 को खमतराई थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच में पुष्टि होने पर आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की अदालत ने इस गंभीर अपराध को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दिया गया।
सुझाव:
1. स्वास्थ्य संस्थानों में निगरानी: अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में डॉक्टरों और कर्मचारियों की नैतिकता और व्यवहार पर नजर रखने के लिए स्वतंत्र निगरानी तंत्र बनाया जाना चाहिए।
2. महिलाओं की जागरूकता: महिलाओं को ऐसे मामलों में अपने अधिकारों और कानूनी विकल्पों के बारे में जागरूक करने के लिए नियमित अभियान चलाए जाएं।
3. त्वरित न्याय: इस मामले की तरह ही, अन्य मामलों में भी न्याय व्यवस्था को त्वरित और सख्त बनाना चाहिए ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके और समाज में भय का वातावरण बना रहे।
यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि भरोसे को धोखा देने वालों को कानून सजा जरूर देता है।
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