छत्तीसगढ़ के महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग में अब पाठ्यक्रमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत विश्वविद्यालय ने अपने स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रमों के सिलेबस को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को अधिक व्यावसायिक, व्यवहारिक और उद्योगोन्मुखी बनाना है। अब छात्रों को परंपरागत पाठ्यक्रम के साथ-साथ आधुनिक कृषि तकनीक, नर्सरी प्रबंधन, पोस्ट-हार्वेस्ट तकनीक, और माइक्रोप्रोपेगेशन जैसे नए विषयों का अध्ययन कराया जाएगा। इससे छात्र न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि उन्हें भविष्य में स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए भी बेहतर तैयार किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से भी यह स्पष्ट किया गया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के 25 नए कॉलेजों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। यह कदम छात्रों को वैश्विक शिक्षा मानकों के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि सिलेबस में यह बदलाव राज्य की कृषि एवं उद्यानिकी क्षेत्र को नई दिशा देगा और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। छात्रों और शिक्षकों दोनों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे शिक्षण की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार होगा।



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