रायपुर नगर निगम में कांग्रेस को उस समय बड़ा राजनीतिक झटका लगा जब नेताप्रतिपक्ष को लेकर उपजे विवाद के बीच पार्टी के पांच पार्षदों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में संदीप साहू समेत कुल पांच पार्षद शामिल हैं। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हुए थे और रायपुर नगर निगम में पार्टी के कुल सात पार्षदों में से थे। अब केवल दो पार्षद ही कांग्रेस के पास बचे हैं, जिससे पार्टी की निगम में स्थिति बेहद कमजोर हो गई है।
इस पूरे विवाद की जड़ नेताप्रतिपक्ष के चयन को लेकर है। ज़िला कांग्रेस कमेटी ने संदीप साहू को नगर निगम में नेताप्रतिपक्ष के रूप में नामित किया था। संदीप साहू को संगठन का मजबूत और अनुभवी चेहरा माना जाता है, जो ज़मीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय भी हैं। लेकिन ज़िला कमेटी के इस फैसले को कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने पलट दिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संदीप साहू की जगह आकाश तिवारी को नेताप्रतिपक्ष नियुक्त कर दिया।
प्रदेश नेतृत्व के इस निर्णय से असंतुष्ट होकर संदीप साहू और उनके समर्थक चार अन्य पार्षदों ने नाराज़गी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सभी इस्तीफे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को भेजे गए हैं। पार्षदों का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व ने ज़िला संगठन के फैसले को दरकिनार कर एकतरफा निर्णय लिया, जिससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी हुई है।
इस घटनाक्रम ने रायपुर नगर निगम में कांग्रेस की आंतरिक कलह को उजागर कर दिया है और साथ ही आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी को अब अपनी साख बचाने के लिए गंभीर आत्ममंथन और सांगठनिक सुधार की ज़रूरत होगी।
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