फिच रेटिंग्स ने भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ाते हुए 2028 तक भारत की औसत वार्षिक वृद्धि दर को 6.4 प्रतिशत कर दिया है, जो नवंबर 2023 में 6.2 प्रतिशत अनुमानित थी। फिच ने अपने पांच साल के संभावित जीडीपी अनुमान अपडेट करते हुए कहा कि महामारी के प्रभाव कम होने की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से अधिक मजबूती से वापस आ रही है।
वहीं, 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए फिच ने अगले पांच वर्षों के जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमानों को थोड़ा कम किया है। नया अनुमान 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो पिछले 4 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है। इसके साथ ही, 10 उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के लिए औसत संभावित वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत बताई गई है, जो पिछले आकलन से कुछ अधिक है।
इससे पहले, फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया था। वैश्विक आर्थिक हालात में नीति की अनिश्चितता के कारण व्यापार निवेश प्रभावित हो रहा है, जिससे घरेलू शेयर बाजार में गिरावट आई है और अमेरिकी निर्यातकों को भी जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
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