भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा हाल ही में रेपो रेट में की गई कटौती का लाभ अब ग्राहकों तक पहुंचना शुरू हो गया है। देश के चार बड़े बैंकों – जिनमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के बैंक शामिल हैं – ने अपनी ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे विभिन्न प्रकार के ऋणों की मासिक किस्त (ईएमआई) सस्ती हो जाएगी। इस कदम से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन लेने वालों को विशेष रूप से फायदा मिलेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) ने अपने रेपो-आधारित कर्ज पर ब्याज में 50 आधार अंक की कटौती की घोषणा की है। इस कटौती के बाद बॉब की रेपो-आधारित उधार दर (आरएलएलआर) 8.15 प्रतिशत हो गई है। बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि आरबीआई की रेपो रेट में कटौती का पूरा लाभ उसके ग्राहकों तक पहुंचे।
निजी क्षेत्र में, एचडीएफसी बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 10 आधार अंक की कटौती की है। इसके परिणामस्वरूप, बैंक की एक महीने की अवधि वाले लोन पर ब्याज दर घटकर 8.90 प्रतिशत हो गई है। तीन महीने के लोन पर ब्याज दर 8.95 प्रतिशत से घटकर 9.05 प्रतिशत रह गई है, जबकि दो और तीन साल के कर्ज पर यह दर क्रमशः 9.20 प्रतिशत से घटकर 9.10 प्रतिशत हो गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक की ये संशोधित ब्याज दरें 7 जून से प्रभावी हो गई हैं।
इसी कड़ी में, सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने भी अपने रेपो-आधारित लोन पर ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती की है। इस कटौती के बाद पीएनबी की आरएलएलआर 8.85 प्रतिशत से घटकर 8.35 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, पीएनबी ने अपने बेस रेट और एमसीएलआर को अपरिवर्तित रखा है। यूको बैंक ने भी सभी अवधि के कर्ज पर अपनी एमसीएलआर में 10 आधार अंक की कटौती की घोषणा की है। यूको बैंक की एक महीने की एमसीएलआर अब 8.35 प्रतिशत, तीन महीने के लोन पर 8.5 प्रतिशत, और छह महीने व एक वर्ष की अवधि वाले लोन पर यह दर क्रमशः 8.8 प्रतिशत और नौ प्रतिशत रह गई है। पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक की ये नई ब्याज दरें 10 जून से प्रभावी होंगी। इससे पहले बैंक ऑफ इंडिया भी अपनी ब्याज दरें 8.35% कर चुका है।
गौरतलब है कि आरबीआई ने बीते सप्ताह ही रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती कर इसे 5.50 प्रतिशत पर ला दिया था। 2025 में अब तक आरबीआई रेपो रेट में कुल 100 आधार अंक (एक प्रतिशत) की कटौती कर चुका है। आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी 100 आधार अंक की कटौती की घोषणा की है, जिससे बैंकों के पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को कर्ज देता है।
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