भारतीय टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता था, जिसके बाद उन्होंने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया। हाल ही में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से भी रिटायरमेंट का ऐलान किया, और अब केवल वनडे क्रिकेट में ही भारत के लिए खेलते नजर आएंगे। भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा की पत्नी पूजा पुजारा की किताब ‘द डायरी ऑफ ए क्रिकेटर्स वाइफ’ के लॉन्च पर रोहित ने बताया कि जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया, तो उनके पिता गुरुनाथ शर्मा थोड़े निराश हुए थे।
रोहित के पिता टेस्ट क्रिकेट के बड़े प्रशंसक हैं। रोहित ने बताया कि उनके पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया है और वे टेस्ट क्रिकेट के पारंपरिक फॉर्मेट के दीवाने रहे हैं, जबकि मॉडर्न क्रिकेट उन्हें कम पसंद है। रोहित को आज भी याद है कि जब उन्होंने वनडे में 264 रन बनाए थे, तो उनके पिता ने तो तारीफ की, लेकिन उत्साह नहीं दिखाया। वहीं, अगर वे टेस्ट मैच में 50 या 60 रन बनाते थे, तो उनके पिता इस पर विस्तार से चर्चा करते थे, क्योंकि उनका टेस्ट क्रिकेट से गहरा लगाव था।
#WATCH | Mumbai: At the launch of Indian Cricketer Cheteshwar Pujara’s wife Puja Pujara’s book ‘The Diary of a Cricketer’s Wife’, Indian Cricketer Rohit Sharma, says “…Since day one, my father has been a test cricket fan. He doesn’t like this new age cricket. I still remember… pic.twitter.com/0hGpfieTaf
— ANI (@ANI) June 5, 2025
रोहित ने अपनी क्रिकेट यात्रा में घरेलू क्रिकेट से लेकर इंडिया-ए टीम और फिर भारतीय टीम तक का सफर तय किया है। उनके पिता ने उन्हें रेड-बॉल क्रिकेट खेलते हुए देखा है, इसलिए जब उन्होंने टेस्ट से संन्यास लिया, तो वे थोड़े निराश जरूर हुए। रोहित ने माना कि वे आज जहां हैं, अपने पिता के आशीर्वाद और सपोर्ट के कारण ही हैं।
रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कमाल का प्रदर्शन किया है। उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 4301 रन, 273 वनडे मैचों में 11168 रन और टी20 इंटरनेशनल में 4231 रन बनाए हैं। वे एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाए हैं और वनडे में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
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