Daughter Returns Home After 13 Years : छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले से एक दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है। SIR (Samagra Identity Registration) प्रक्रिया ने एक ऐसे परिवार को फिर से मिला दिया है, जिसकी बेटी 13 साल पहले अचानक घर छोड़कर चली गई थी। बूढ़े मां-बाप की आंखों का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ, जब उनकी बेटी सुनीता यादव घर के दरवाजे पर आ खड़ी हुई।
350+ Flights Delay : 3 लाख से अधिक यात्री परेशान, इंडिगो की उड़ानों में हड़कंप
सुनीता के घर लौटते ही मां-बाप की आंखें खुशी के आंसुओं से भर गईं। वहीं पिता ने अपनी गलती का एहसास करते हुए बेटी से वादा किया—“अब कभी शराब नहीं पिऊंगा।”
यह पूरा भावुक मामला कोंडागांव के केशकाल इलाके का है।
क्यों छोड़कर चली गई थी सुनीता? बेटी ने बताई 13 साल की पीड़ा
सुनीता यादव ने बताया कि उसके पिता की शराबखोरी की आदत ने घर का माहौल बिगाड़ दिया था। 2012 की एक रात वह इससे तंग आकर चुपचाप घर छोड़कर निकल गई।
-
परिवार ने रिश्तेदारों, गांव, आसपास के इलाकों—हर जगह तलाश की।
-
समय बीतता गया और धीरे-धीरे घरवालों ने उम्मीद छोड़ दी कि सुनीता कभी वापस आएगी।
घर छोड़ने के बाद सुनीता रायपुर पहुंची, जहाँ एक बुजुर्ग दंपत्ति ने उसे अपनी बेटी की तरह सहारा दिया। 2019 में वह बुजुर्ग पिता समान व्यक्ति भी चल बसे। फिर भी सुनीता घर लौटने का साहस नहीं जुटा पाई, यह सोचकर कि परिवार शायद उसे स्वीकार नहीं करेगा।
SIR प्रक्रिया बनी परिवार के मिलन की वजह
2025 में जिले में SIR प्रक्रिया शुरू हुई। बीएलओ ने जब सुनीता से उसके माता-पिता के पहचान पत्र और जानकारी मांगी, तो उसके पास कुछ भी नहीं था।उसी समय सुनीता ने फैसला लिया—उसे अपने मां-बाप के पास ही वापस लौटना चाहिए। SIR के दस्तावेज़ अपडेट कराने के बहाने वह केशकाल वापस आई।
13 साल बाद बेटी को देखकर फूट-फूटकर रो पड़े माता-पिता
जैसे ही सुनीता दरवाजे पर पहुंची—
-
मां उसे देखते ही स्तब्ध रह गईं, फिर रोते हुए गले लगा लिया।
-
बूढ़े पिता की आंखों में पश्चाताप और खुशी के आंसू दोनों थे।
-
पिता ने बेटी से गले मिलते ही कहा— “बेटी, अब मैं कभी शराब नहीं पीऊंगा।”
परिवार के लिए यह पल किसी चमत्कार से कम नहीं था।
13 साल बाद लौटी सुनीता बोली—“घरवालों का गुस्सा रोकता था मेरा कदम”
सुनीता ने बताया—
-
घर छोड़ने के बाद वह हमेशा परिवार को याद करती रही।
-
लेकिन पिता की आदतों और घरवालों के गुस्से के डर से वापस लौटने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
-
SIR दस्तावेज़ के दौरान घर जाने की मजबूरी ही उसके लिए एक मौका बन गई।
SIR प्रक्रिया क्यों महत्वपूर्ण साबित हुई?
SIR प्रक्रिया ने—
-
गुमशुदा या घर छोड़ चुके लोगों की पहचान अपडेट करने में मदद की।
-
सुनीता जैसे कई मामलों में परिवारों को वापस मिलाने का माध्यम बनाया।
यह मामला बताता है कि तकनीकी प्रक्रियाएं भी समय पर सही दिशा में इस्तेमाल हों तो जीवन बदल सकती हैं।



More Stories
Tehsildar Threatens Farmer : रामानुजगंज में किसान के साथ बदसलूकी का मामला, तहसीलदार ने दिया धमकी
Raipur Atal Nagar New Tehsil : रायपुर में नवा रायपुर अटल नगर बनेगी नई तहसील, 39 गांव शामिल
Durg BBA Student Rape Case : दुर्ग में BBA छात्रा से दुष्कर्म, CFA एडमिशन के नाम पर वसूले 9.5 लाख