रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री भी महंगी हो जाएगी। राज्यपाल ने हाल ही में “छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2025” को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब पुरानी गाड़ियों की दोबारा बिक्री पर भी टैक्स लगेगा। इस नए नियम का सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदते और बेचते हैं।
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क्या है नया नियम?
इस नए अधिनियम के तहत, पुरानी गाड़ियों का नाम ट्रांसफर (नामांतरण) करने पर भी टैक्स देना होगा। अब तक, पुरानी गाड़ियों को बेचने पर केवल रजिस्ट्रेशन शुल्क और अन्य छोटे-मोटे चार्ज लगते थे, लेकिन अब हर बार मालिकाना हक बदलने पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा। यह टैक्स वाहन के प्रकार (दोपहिया, चार पहिया, कमर्शियल वाहन) और उसकी कीमत के आधार पर तय किया जाएगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
सरकार का कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य राज्य में टैक्स कलेक्शन को बढ़ाना और इसे और अधिक पारदर्शी बनाना है। इसके अलावा, इसका मकसद सड़क पर पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करना भी है।
किस पर होगा असर?
यह नया नियम खासकर उन लोगों को प्रभावित करेगा जो पुरानी गाड़ियों के डीलर हैं। उन्हें अब हर बिक्री पर टैक्स देना होगा, जिससे पुरानी गाड़ियों की कीमत बढ़ सकती है। हालांकि, यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा जो अपनी निजी गाड़ी सीधे किसी दूसरे व्यक्ति को बेचते हैं।
जानें कितना लगेगा टैक्स
- निजी वाहन (कार, बाइक): पंजीकरण मूल्य का 1% टैक्स। उदाहरण के लिए, अगर किसी कार का रजिस्ट्रेशन मूल्य 1 लाख रुपए है, तो हर बार नाम ट्रांसफर पर 1,000 रुपए का टैक्स लगेगा।
- परिवहन वाहन (ट्रक, बस, टैक्सी): इन पर पंजीकरण मूल्य का 0.5% टैक्स लगेगा।
इस नए नियम के लागू होने के बाद, छत्तीसगढ़ में पुरानी गाड़ियों का बाजार प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी और सड़क सुरक्षा और पर्यावरण में भी सुधार होगा।
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