रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य प्रशासन में पारदर्शिता, समयपालन और कार्यकुशलता को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसला लिया है। अब मंत्रालय के दोनों मुख्य परिसर—महानदी भवन और इन्द्रावती भवन—में कार्यरत सभी विभागों के कर्मचारियों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (AEBAS) अनिवार्य कर दी गई है।
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मुख्य सचिव श्री विकास शील की अध्यक्षता में आज हुई वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इस नई प्रणाली का लाइव प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए फेसियल ऑथेंटिकेशन (चेहरे की पहचान) आधारित सिस्टम और दीवारों पर लगाए गए आधार-सक्षम बायोमेट्रिक उपकरणों का डेमो प्रस्तुत किया गया।
यह कदम राज्य सरकार की डिजिटल पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य कर्मचारियों की उपस्थिति को सटीकता से दर्ज करना और कार्य समय का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इस प्रणाली के लागू होने से अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यस्थल पर समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होगी, जिससे शासकीय कार्यों के निष्पादन में तेजी आएगी।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रणाली का परीक्षण कल से शुरू हो जाएगा ताकि 1 दिसंबर 2025 से इसकी पूर्ण और अनिवार्य शुरुआत सुनिश्चित की जा सके। यह नई व्यवस्था छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।



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