गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। गरियाबंद जिले में दो सक्रिय नक्सलियों ने हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एसडीके एरिया कमेटी का सदस्य संतोष उर्फ लालपवन और सीनापाली एरिया कमेटी की सदस्य मंजू उर्फ नंदे शामिल हैं।
5-5 लाख रुपये का था इनाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण के बाद दोनों को नियमानुसार सरेंडर नीति का लाभ दिया जाएगा।
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2010 से थे नक्सल गतिविधियों में सक्रिय
पुलिस ने बताया कि संतोष उर्फ लालपवन और मंजू उर्फ नंदे वर्ष 2010 से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय थे। दोनों मूल रूप से बस्तर जिले के निवासी हैं और पिछले कई वर्षों से संगठन के लिए अलग-अलग इलाकों में काम कर रहे थे।
10 से अधिक नक्सली वारदातों में संलिप्त
जानकारी के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले ये दोनों नक्सली 10 से अधिक नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं। सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले, धमकी और अन्य अवैध गतिविधियों में इनकी भूमिका सामने आई थी।
पुलिस और प्रशासन की रणनीति का असर
अधिकारियों का कहना है कि लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान, बढ़ता दबाव और सरकार की पुनर्वास नीति के चलते नक्सली मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं। इससे नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाली की उम्मीद मजबूत हुई है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
पुलिस ने साफ किया है कि नक्सलवाद के खिलाफ अभियान आगे भी तेज़ी से जारी रहेगा और जो भी नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।



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