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December 21, 2025

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Paush Month 2025

Paush Month 2025

Paush Month 2025 की हुई शुरुआत: सूर्य पूजा, पितृ तर्पण और आरती से मिलता है आरोग्य, सम्मान और समृद्धि

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के दसवें महीने पौष मास (Pausa Month 2025) की आज से शुरुआत हो चुकी है। यह पवित्र महीना 3 जनवरी 2026 तक चलेगा। पौष मास को विशेष रूप से सूर्य देव की उपासना का महीना माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में सूर्य देव की नियमित पूजा, अर्घ्य और स्तुति करने से व्यक्ति को आरोग्य, मान-सम्मान, शक्ति और तेज की प्राप्ति होती है।

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पौष माह में सूर्य देव की पूजा का महत्व

पौष माह में सूर्य देव की उपासना को अत्यंत फलदायी माना गया है। सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने से—

  • स्वास्थ्य में सुधार

  • आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि

  • बाधाओं का निवारण

  • सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि
    जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इस महीने में ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।

पितृ तर्पण का शुभ समय

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पौष मास पितरों का तर्पण करने के लिए भी अत्यंत उत्तम माना गया है। इस समय श्राद्ध, तर्पण और पितरों की आरती करने से—

  • पितृदोष से मुक्ति

  • परिवार में शांति

  • घर में सुख-समृद्धि
    का वास होता है।

प्रतिदिन सूर्य देव और पितरों की आरती का लाभ

मास की शुरुआत के साथ ही यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन सूर्य देव और पितृ देव की आरती करता है, तो घर-परिवार में शुभता बढ़ती है। माना जाता है कि सूर्य देव की आरती—
“ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान”
—ग्रहदोषों से मुक्ति दिलाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।

पौष मास के प्रमुख धार्मिक नियम

  • सूर्योदय के समय जल अर्पित करना

  • शुद्ध आचरण और सात्विक भोजन

  • सूर्य मंत्रों का जाप

  • पितरों का स्मरण व तर्पण

  • दान-पुण्य और सेवा

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