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December 2, 2025

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Hathi Hamala : खेत में सो रहे पति-पत्नी को गजदल ने कुचला

Hathi Hamala , सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के कपसरा बिसाही मोड़ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां हाथियों के दल ने खेत में सो रहे एक दंपत्ति पर हमला कर उनकी जान ले ली। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है और लोग घरों में डर के साए में रह रहे हैं।

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फसल की रखवाली कर रहा था दंपत्ति

मिली जानकारी के अनुसार मृतक दंपत्ति अपनी कट चुकी धान की फसल की रखवाली के लिए खेत के पास बने खलिहान में रात में सो रहा था। इसी दौरान देर रात गज दल खेत की ओर आ पहुंचा और अंधेरे में सो रहे पति-पत्नी को कुचल दिया। सुबह होने पर ग्रामीणों ने उनकी लाश खेत में पड़ी देखी, जिसके बाद पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई।

गांव में फैली दहशत

घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे। लोगों ने वन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद वन अमला मौके पर पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से हाथियों की आवाजाही बढ़ी हुई थी, लेकिन उचित निगरानी और रोकथाम के उपाय नहीं किए गए।

वन विभाग की टीम मौके पर

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों का यह दल कई दिनों से प्रतापपुर और आसपास के गांवों में घूम रहा है। दल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी, लेकिन गांव के बाहरी इलाके में मौजूद खलिहान में सो रहे दंपत्ति को बचाया नहीं जा सका। विभाग ने पीड़ित परिवार को मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है।

लगातार बढ़ रही है मानव-हाथी टकराव की घटनाएं

सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में हाथियों के हमलों में पिछले वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। फसलों की कटाई के मौसम में गज दल की आवाजाही और भी बढ़ जाती है, जिससे ग्रामीण लगातार खतरे में रहते हैं।

ग्रामीणों की मांग—स्थायी समाधान जरूरी

गांव के लोगों ने प्रशासन से रात में गश्त बढ़ाने, हाथियों की लोकेशन की रियल-टाइम जानकारी देने और सुरक्षित आश्रय केंद्र बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल हाथियों के हमले से कई परिवार बर्बाद हो जाते हैं, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया।

इस दर्दनाक घटना से पूरा क्षेत्र सदमे में है और ग्रामीण अब भी दहशत में हैं। प्रशासन ने भी लोगों से रात में खेतों में न सोने की अपील की है।

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