Fake DSP Arrest : बलरामपुर | 16 नवंबर 2025| छत्तीसगढ़ में एक हैरान कर देने वाला ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक आदिवासी महिला को सरकारी नौकरी का झांसा देकर 72 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी ने ठगी करने के लिए मध्यप्रदेश के वास्तविक DSP की फोटो लगाकर खुद को अधिकारी बताया और महिला का विश्वास जीता। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
कैसे शुरू हुआ मामला?
बलरामपुर जिले के कुसमी थाना पुलिस एक “DSP संतोष पटेल” नाम के अधिकारी को तलाश कर रही थी, जिन पर महिला से लाखों की ठगी का आरोप था।जांच के दौरान पता चला कि असली अधिकारी संतोष पटेल मध्य प्रदेश के बालाघाट हॉक फोर्स में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात हैं और इससे पहले वे ग्वालियर में DSP के रूप में पदस्थ थे।जब छत्तीसगढ़ पुलिस टीम का अधिकारी संतोष पटेल से आमना-सामना हुआ, तब खुलासा हुआ कि उनकी फोटो का इस्तेमाल कर किसी ने फर्जी DSP बनकर ठगी की थी।इस खुलासे के बाद पुलिस को असली अपराधी की तलाश तेज करनी पड़ी।
सोशल मीडिया पर 2.2 मिलियन फॉलोअर्स वाला ‘DSP’, निकला ठेकेदार!
मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सोशल मीडिया पर DSP की वर्दी में दिखने वाले, 2.2 मिलियन (22 लाख) फॉलोअर्स रखने वाले अकाउंट की तस्वीरें भी असली DSP की नहीं थीं।इन तस्वीरों का अपराधी ने फर्जी तरीके से उपयोग किया था।आगे की जांच में सामने आया कि असली आरोपी सीधी (मध्यप्रदेश) का जेसीबी ऑपरेटर संतोष पटेल है, जिसने फर्जी पहचान बनाकर महिला को नौकरी दिलाने का झांसा दिया था।
12 नवंबर को आरोपी गिरफ्तार – 72 लाख हड़पने की बात कबूल
चार दिन पहले यानी 12 नवंबर को छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीधी से आरोपी जेसीबी ऑपरेटर संतोष पटेल को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि—
-
आदिवासी महिला से 72 लाख रुपए वसूल किए
-
सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा दिया
-
असली DSP की वर्दी वाली फोटो का इस्तेमाल कर भरोसा जीता
-
और लगभग पूरी राशि खर्च कर दी
अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी ने इतनी बड़ी रकम कहां-कहां निवेश या खर्च की है।
महिला को कैसे फंसाया गया?
जांच में सामने आया कि आरोपी ने महिला को बताया कि वह—
-
उच्च पुलिस अधिकारी है
-
उसकी मंत्रालय और कोल इंडिया में मजबूत पकड़ है
-
वह सरकारी नौकरी पक्का करवा सकता है
इसके बाद आरोपी ने नकली दस्तावेज, फर्जी मीटिंग और नाटकीय बातचीत का सहारा लेकर भरोसा जीता और धीरे-धीरे बड़ी रकम वसूल ली।
असली DSP संतोष पटेल ने पुलिस को कैसे चेताया?
जब छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ग्वालियर/बालाघाट में असली अधिकारी संतोष पटेल से मिली, तो उन्होंने—
-
केस के दस्तावेज देखे
-
वह चौंक गए क्योंकि उनका चेहरा और वर्दी फोटो ठगी में इस्तेमाल की गई थी
-
उन्होंने तुरंत छत्तीसगढ़ पुलिस के SI विरासत कुजूर, ASI रमेश तिवारी, दीपक बड़ा, धीरेंद्र चंदेल और SDOP इम्मानुअल लकड़ा से चर्चा की
इस बातचीत के बाद यह साफ हो गया कि आरोपी कोई और है जिसने उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल किया है।
अब आगे क्या?
पुलिस आरोपी के खिलाफ ठगी, जालसाजी और पहचान दुरुपयोग से संबंधित धाराओं में कार्रवाई कर रही है।
साथ ही यह जांच भी जारी है कि—
-
क्या आरोपी के साथ कोई और गैंग शामिल है?
-
क्या उसने अन्य पीड़ितों को भी इसी तरीके से फंसाया?
-
72 लाख की रकम का असल उपयोग क्या हुआ?
जल्द ही पुलिस बड़ा खुलासा कर सकती है।



More Stories
DGP-IGP Conference : रायपुर में जुटेंगे देश के शीर्ष पुलिस अधिकारी
सरगुजा में नक्सली कमांडर हिडमा की तारीफ पर विवाद, यूट्यूबर सुरंजना सिद्दार के पोस्ट पर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
Illegal Paddy Transportation : लापरवाही महंगी पड़ी, चौकी कर्मचारियों को निलंबन