Categories

November 27, 2025

वेब न्यूज़ पोर्टल संघर्ष के स्वर

संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।

Education Department Negligence

Education Department Negligence

Education Department Negligence : छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में बिना अनुमति उड़िया पढ़ाई, विभाग को नहीं जानकारी

Education Department Negligence : बिलाईगढ़, 16 नवंबर 2025 | छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पिछले कई वर्षों से शिक्षा विभाग की जानकारी के बिना उड़िया भाषा पढ़ाई जा रही है। यह खुलासा सारंगढ़–बिलाईगढ़ जिले के 143 सरकारी स्कूलों की पड़ताल के दौरान हुआ है। इन स्कूलों में न तो राज्य सरकार ने उड़िया विषय को सिलेबस में शामिल किया है और न ही ऐसी किसी व्यवस्था की आधिकारिक अनुमति दी गई है, फिर भी लंबे समय से बच्चों को उड़िया भाषा की शिक्षा दी जा रही है।इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Bihar Elections 2025: एनडीए की जीत के साथ 18वीं विधानसभा गठन की प्रक्रिया शुरू, नीतीश कुमार जल्द करेंगे शपथ ग्रहण

12 साल से चल रहा है अनौपचारिक उड़िया शिक्षण

जानकारी के अनुसार, उड़ीसा सीमा से लगे इन 143 सरकारी स्कूलों में बच्चों को पिछले 10–12 साल से उड़िया भाषा पढ़ाई जा रही है।

  • यह भाषा राज्य बोर्ड के सिलेबस का हिस्सा नहीं है,

  • न ही इस विषय को पढ़ाने की कोई आधिकारिक अनुमति मौजूद है।

इसके बावजूद स्कूलों में बाकायदा उड़िया पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है—लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनका वेतन छत्तीसगढ़ सरकार नहीं, बल्कि एक निजी संस्था वहन कर रही है।

शिक्षा विभाग बेखबर – अधिकारियों को नहीं थी जानकारी

जांच के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि बरमकेला विकासखंड के शिक्षाधिकारी (BEO) को इस पूरी व्यवस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

जब हमारी टीम ने उनसे सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा:

“अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। विभाग जांच करेगा और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।”

यह बयान यह साबित करता है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रही इस समानांतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर विभाग के अधिकारी भी अनजान हैं।

मामला गंभीर – सिलेबस की जगह बाहरी भाषा पढ़ाना नियमों का उल्लंघन

किसी भी राज्य के सरकारी स्कूल में सिलेबस से बाहर की भाषा पढ़ाना

  • नीतियों का उल्लंघन,

  • छात्रों के भविष्य से खिलवाड़,

  • और विभागीय नियमों के खिलाफ है।

यह भी चिंता का विषय है किबच्चे राज्य भाषा, मातृभाषा और निर्धारित पाठ्यक्रम की बजाय बाहरी भाषा पढ़ रहे हैं, जिससे उनकी शैक्षिक प्रगति प्रभावित हो सकती है।

About The Author