रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर दौरे पर आएंगी। वे यहां भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) कार्यक्रम में शामिल होंगी। राज्य सरकार और प्रशासन ने राष्ट्रपति के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दौरा न केवल प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि आदिवासी समाज के गौरव और उनके योगदान को सम्मान देने का अवसर भी होगा।
जनजातीय गौरव दिवस: भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आदिवासी समाज को एकजुट किया था। राष्ट्रपति मुर्मू का छत्तीसगढ़ आगमन इसी परंपरा को और सशक्त करेगा।
अंबिकापुर में भव्य आयोजन की तैयारियां
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत को लेकर प्रशासन ने अंबिकापुर में तैयारियां तेज कर दी हैं। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए जा रहे हैं। राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षाकर्मी स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि कार्यक्रम सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
आदिवासी समाज के लिए गौरव का क्षण
राष्ट्रपति मुर्मू स्वयं एक आदिवासी पृष्ठभूमि से आती हैं, ऐसे में उनका यह दौरा छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। उम्मीद है कि वे इस अवसर पर आदिवासी सशक्तिकरण, शिक्षा और विकास से जुड़ी योजनाओं पर भी चर्चा करेंगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगा आयोजन
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति, नृत्य और लोककला की झलक देखने को मिलेगी। स्थानीय कलाकार जनजातीय लोकनृत्य और संगीत के माध्यम से अपनी परंपराओं को प्रस्तुत करेंगे।
राष्ट्रपति का कार्यक्रम
-
20 नवंबर: अंबिकापुर आगमन
-
जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल होंगी
-
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों से मुलाकात
-
शाम तक रायपुर लौटने की संभावना



More Stories
CG : छत्तीसगढ़ में शीतलहर का प्रकोप जारी, स्कूलों के समय में हुआ बदलाव, आदेश जारी
Disease Outbreak : दूषित पानी का कहर दूसरे गांव में फैल रही बीमारी, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
Chhattisgarh High Court decision : छत्तीसगढ़ हाई-कोर्ट ने पिता को अविवाहित बेटी का भरण-पोषण और शादी का खर्च देने का आदेश बरकरार रखा