रायपुर : देशभर में आज बैंकिंग, बिमा, पोस्टल, कोयला खनन जैसे क्षेत्रों में कार्यरत 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी आज हड़ताल पर जाएंगे. देशव्यापी हड़ताल की पूर्व संध्या राजधानी रायपुर में ट्रेड यूनियनों ने मशाल रैली निकाली. संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच के आह्वान पर निकली इस रैली में संगठित और असंगठित क्षेत्र से जुड़े सैकड़ों श्रमिकों ने भाग लिया. रैली की शुरुआत कर्मचारी भवन, बुढ़ापारा से हुई, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई वापस कर्मचारी भवन पहुंचकर आमसभा में तब्दील हो गई.
सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त मंच के संयोजक धर्मराज महापात्र ने कहा कि सोमवार को होने वाली इस हड़ताल में देशभर से 20 करोड़ से अधिक श्रमिक शामिल होंगे. बैंकिंग, बीमा, पोस्टल, टेलीकॉम, रेलवे, स्टील, कोयला, केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी, साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिक बड़ी संख्या में इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे.
सभा को संबोधित करते हुए मंच के संयोजक का. धर्मराज महापात्र ने कहा कि 9 जुलाई की हड़ताल में 20 करोड़ से अधिक मेहनतकश जनता शामिल होने जा रही है. बैंकिंग, बीमा, पोस्टल, टेलीकॉम, रेलवे, स्टील, कोयला, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी, साथ ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिक बड़ी संख्या में इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे.
उन्होंने बताया कि हड़ताल का उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा थोपे जा रहे श्रम संहिताओं, निजीकरण, ठेकाकरण, आउटसोर्सिंग, ट्रेड यूनियन अधिकारों पर हमलों, महंगाई, बेरोजगारी, सांप्रदायिकता, किसानों को फसल का उचित मूल्य देने और संविधान विरोधी गतिविधियों का विरोध करना है. इस हड़ताल का आह्वान इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस, एक्टू समेत 10 केंद्रीय श्रम संगठनों और 100 से अधिक श्रमिक व जन संगठनों ने किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है.
महापात्र ने जानकारी दी कि रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रमिक अपने-अपने कार्यस्थलों पर हड़ताल करेंगे और इसके बाद एलआईसी के पंडरी स्थित मंडल कार्यालय में आयोजित संयुक्त सभा में शामिल होंगे. वहीं दोपहर को अंबेडकर चौक में वामपंथी दलों द्वारा एक प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में हड़ताल की व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
सभा के दौरान उन्होंने श्रमिकों की प्रमुख मांगें भी रखीं, जिनमें सरकारी क्षेत्रों में तत्काल भर्ती शुरू करने, न्यूनतम वेतन 26,000 रूपये प्रतिमाह निर्धारित करने, महंगाई और बेरोजगारी रोक लगाने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, बीमा संशोधन विधेयक को वापस लेने, एफडीआई और निजीकरण पर रोक पर लगाने, धर्म और जाति के नाम पर हिंसा पर नियंत्रण, संविधान की रक्षा, श्रम संहिताएं रद्द करने, 35 घंटे का कार्य सप्ताह लागू करने, महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने जैसी मांगें शामिल हैं.
मशाल रैली में सीटू महासचिव एम के नंदी, सुरेन्द्र शर्मा, राजेश पराते, नवीन गुप्ता, संदीप सोनी, अनुसुइया ठाकुर, ज्योति पाटिल, धार्मिणी सोनवानी, शिरीष नलगुंडवार, जे एस नशकर, अतुल देशमुख, वी एस बघेल, गजेन्द्र पटेल, राजेश अवस्थी, ऋषि मिश्रा, डी सी पटेल, सुभाष साहू, ललित वर्मा, दुलाल मजूमदार, श्रीकांत पेंढारकर, पूनम साहू प्रमुख रूप से शामिल थे. बैंक, बीमा, पोस्टल, टेलीकॉम, बीमा पेंशनर्स, सीटू, एस एफ आई राज्य सरकार व केंद्र सरकार से जुड़े श्रम संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया.
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