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July 30, 2025

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अर्थव्यवस्था

भारत बनेगा विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, चालू वित्त वर्ष में जापान को पछाड़ेगा भारत का आर्थिक सपना पूरा होगा।

गत वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल से मार्च तक) में भारत लगभग दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर था। यह सपना चालू वित्त वर्ष 2025-26 में पूरा होने की संभावना है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी भारत को इसी वित्त वर्ष में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान लगाया है।

जापान की अर्थव्यवस्था का आकार चालू मूल्य पर 4.19 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 358 लाख करोड़ रुपये) है, जबकि भारत की अर्थव्यवस्था गत वित्त वर्ष के अंत में चालू मूल्य पर 330.68 लाख करोड़ रुपये (लगभग 3.9 ट्रिलियन डॉलर) के करीब थी। भारत की जीडीपी विकास दर गत वित्त वर्ष में 9.8 प्रतिशत रही, और चालू वित्त वर्ष में यह लगभग 10 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे चालू वित्त वर्ष के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार 363 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जो जापान से अधिक होगा।

जापान की विकास दर 2024 में केवल 0.1 प्रतिशत रही, और चालू वर्ष में भी लगभग इतनी ही रहने की संभावना है। इस प्रकार, भारत की अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़ जाएगी।

गत वित्त वर्ष में निजी खर्च की बढ़ोतरी दर भी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023-24 में निजी उपभोग खर्च 5.6 प्रतिशत बढ़ा था, जो 2024-25 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गया। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर भी लगातार बेहतर हुई है, जनवरी-मार्च तिमाही में यह 4.8 प्रतिशत थी, जबकि पिछली तिमाहियों में क्रमशः 3.6 प्रतिशत और 2.2 प्रतिशत रही।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि वर्ष 2024 में दुनिया भर में मैन्यूफैक्चरिंग में बढ़ोतरी एक चुनौती रही, लेकिन अप्रैल 2025 में वस्तु और सेवा निर्यात में क्रमशः 9 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जनवरी-मार्च तिमाही में निर्माण क्षेत्र की बढ़ोतरी 10.8 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाही की 7.9 प्रतिशत वृद्धि से बेहतर है।

हालांकि, मुख्य आर्थिक सलाहकार ने वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए जोखिम बने रहने की चेतावनी दी और कहा कि वैश्विक वित्तीय बाजार पर सतर्क नजर रखनी होगी। इसके साथ ही, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने के लिए प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से घरेलू मांग पर आधारित है, जिससे निजी निवेश में वृद्धि होगी।

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