Nitin Gadkari Statement : नई दिल्ली, 23 दिसंबर 2025: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने मंगलवार को धर्मनिरपेक्षता और सेक्युलरिज्म को लेकर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि देश में हिंदू-मुस्लिम संबंधों से जुड़ी समस्याओं के पीछे कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की गलत व्याख्या और वोट बैंक राजनीति जिम्मेदार है।गडकरी ने स्पष्ट किया कि सेक्युलरिज्म का वास्तविक अर्थ किसी एक धर्म या वर्ग का पक्षपात करना नहीं है। उन्होंने कहा,
“सेक्युलर का अर्थ धर्मनिरपेक्षता या किसी एक वर्ग का तुष्टिकरण करना नहीं है। इसका सही मतलब ‘सर्व धर्म समभाव’ होता है, यानी सभी धर्मों को समान सम्मान देना और सबको न्याय और बराबरी का व्यवहार करना।”
लोकार्पण समारोह में गडकरी के विचार
यह बयान गडकरी ने दिल्ली में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की किताब ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ के लोकार्पण समारोह में दिया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन भी मौजूद थे।गडकरी ने कहा कि सामाजिक समरसता और न्यायपूर्ण व्यवहार ही किसी भी धर्मनिरपेक्ष समाज की नींव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि सभी धर्मों और समुदायों के साथ समान व्यवहार करना और न्याय सुनिश्चित करना ही वास्तविक सेक्युलरिज्म है।
कांग्रेस पर निशाना
गडकरी ने कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने सेक्युलरिज्म की मूल भावना को गलत तरीके से पेश किया। उनका कहना था कि कई बार राजनीतिक हितों और वोट बैंक की राजनीति के चलते धर्मनिरपेक्षता को सिर्फ़ राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया है।
गडकरी के अनुसार, इस तरह की राजनीति न केवल सामाजिक समरसता को प्रभावित करती है, बल्कि देश में धार्मिक तनाव और असमानता भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि सही सेक्युलरिज्म का अर्थ है सभी धर्मों को सम्मान देना और हर नागरिक के साथ समान व्यवहार करना, न कि किसी समुदाय को विशेष लाभ पहुँचाना।
सर्व धर्म समभाव: गडकरी की अवधारणा
गडकरी ने अपनी बात को संक्षेप में इस तरह बताया:
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सर्व धर्म समभाव का मतलब है हर धर्म को समान सम्मान देना।
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किसी धर्म या समुदाय के पक्ष में पक्षपात नहीं करना।
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न्याय और बराबरी के सिद्धांतों को प्राथमिकता देना।
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वोट बैंक राजनीति से दूर रहकर समाज में वास्तविक एकता को बढ़ावा देना।
उन्होंने कहा कि अगर ये मूल सिद्धांत लागू किए जाएँ, तो देश में धार्मिक तनाव कम होंगे और सभी समुदायों के बीच समान सम्मान और विश्वास की भावना मजबूत होगी।
समारोह की खास बातें
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कार्यक्रम: ‘सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि’ पुस्तक लोकार्पण
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मुख्य वक्ता: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
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विशेष अतिथि: उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन
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लेखक: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी
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मुख्य संदेश: सेक्युलरिज्म का सही अर्थ और सामाजिक न्याय की जरूरत
गडकरी का यह बयान उन लोगों के लिए भी एक संदेश है जो अक्सर धर्मनिरपेक्षता और सेक्युलरिज्म को केवल राजनीतिक शब्दों तक सीमित मानते हैं। उनके अनुसार, धर्मनिरपेक्षता का असली मतलब है सभी धर्मों का सम्मान और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना।



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