7 July का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं, जन्म और उपलब्धियों से जुड़ा है। इस दिन भारत और विश्व में घटित कुछ प्रमुख घटनाएँ और उल्लेखनीय तथ्य निम्नलिखित हैं:
7 July प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएँ
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1896: फ्रांसीसी सिनेमैटोग्राफर ल्युमियर भाइयों ने बंबई (अब मुंबई) के वॉटसन होटल में पहली बार छह फिल्मों का प्रदर्शन किया, जिससे भारतीय सिनेमा की नींव रखी गई।
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1948: स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना (Damodar Valley Corporation) की स्थापना हुई।
स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय परियोजना — दामोदर घाटी निगम (Damodar Valley Corporation, DVC) — की स्थापना 7 जुलाई 1948 को हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य दामोदर नदी घाटी क्षेत्र का समग्र विकास करना था, जो अक्सर विनाशकारी बाढ़, सूखा और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन से जूझता था।

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: दामोदर नदी घाटी में बार-बार आने वाली बाढ़ से बचाव और नियंत्रण।
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: कृषि के लिए जल आपूर्ति और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार।
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: जलविद्युत और ताप विद्युत संयंत्रों के माध्यम से बिजली का उत्पादन, वितरण और संचरण।
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: नदी में वर्ष भर नौवहन को संभव बनाना।
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: भूमि कटाव को रोकना और हरित क्षेत्र बढ़ाना।
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: क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना, रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा
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1978: सोलोमन द्वीप समूह ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की।
(Solomon Islands) ने 7 जुलाई 1978 को ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की। स्वतंत्रता प्राप्त करने के पीछे कई प्रमुख कारण थे:

1970 में पहला संविधान बना, 1974 में नया संविधान आया और 1976 में स्वशासन (Self-government) मिला। इन संवैधानिक सुधारों ने स्वतंत्रता के रास्ते को आसान बनाया।
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1999: फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने पेचिस के नए टीके की खोज की।
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2007: अमेरिका का दूरसंचार उपग्रह डायरेक्ट वी-10 रूस के प्रोटान-एम रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
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2008: काबुल (अफगानिस्तान) स्थित भारतीय दूतावास पर हमले में 41 लोग मारे गए।
7 July को जन्मे प्रमुख व्यक्ति
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1981: महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय क्रिकेटर, जिनके नेतृत्व में भारत ने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियाँ जीतीं।

महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और लोकप्रिय कप्तानों में से एक हैं। 7 जुलाई 1981 को रांची, झारखंड में जन्मे धोनी ने अपनी मेहनत, धैर्य और अद्भुत नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
धोनी के नेतृत्व में भारत ने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियाँ—2007 में टी20 वर्ल्ड कप, 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी—अपने नाम कीं। यह उपलब्धि उन्हें विश्व क्रिकेट में विशिष्ट बनाती है। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने न सिर्फ ट्रॉफियाँ जीतीं, बल्कि युवाओं को आत्मविश्वास और कठिन परिस्थितियों में शांत रहने की प्रेरणा भी दी।
धोनी की बल्लेबाजी शैली, फिनिशर की भूमिका और विकेटकीपिंग कौशल अद्वितीय रहे हैं। वे हमेशा टीम को प्राथमिकता देते रहे और व्यक्तिगत उपलब्धियों से ऊपर टीम की सफलता को रखा। उनका सादा जीवन, अनुशासन और खेल भावना आज भी करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
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1656: गुरु हर किशन सिंह, सिखों के आठवें गुरु।

गुरु हर किशन सिंह सिख धर्म के आठवें गुरु थे। उनका जन्म 7 जुलाई 1656 को किरतपुर साहिब, पंजाब में हुआ था। वे गुरु हर राय जी के छोटे पुत्र थे और मात्र पाँच वर्ष की आयु में गुरु गद्दी पर विराजमान हुए। गुरु हर किशन सिंह को “बाल गुरु” भी कहा जाता है, क्योंकि इतनी कम उम्र में उन्होंने सिख समुदाय का नेतृत्व किया।
दिल्ली में जब चेचक की महामारी फैली, तब गुरु हर किशन सिंह ने बीमारों की सेवा की और लोगों को सांत्वना दी। उन्होंने जाति-पाति और धर्म से ऊपर उठकर सबकी मदद की। उनकी करुणा, सेवा और विनम्रता ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। दुर्भाग्यवश, बहुत कम उम्र में ही 1664 में उनका निधन हो गया। गुरु हर किशन सिंह का जीवन सेवा, दया और मानवता की मिसाल है, जो आज भी सभी को प्रेरित करता है।
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1854: मोहम्मद बरकतउल्ला, स्वतंत्रता सेनानी।

मोहम्मद बरकतउल्ला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी और ग़दर पार्टी के प्रमुख नेता थे। उनका जन्म 7 जुलाई 1854 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। बरकतउल्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भोपाल के सुलेमानिया स्कूल से प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वे सात भाषाओं के ज्ञाता थे और टोक्यो विश्वविद्यालय में उर्दू के प्रोफेसर भी रहे। बरकतउल्ला ने अमेरिका, यूरोप, जर्मनी, अफगानिस्तान, जापान जैसे देशों में रहकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध आवाज़ उठाई। उन्होंने ग़दर पार्टी के माध्यम से विदेशों में भारतीयों को संगठित किया और आज़ादी के लिए क्रांतिकारी लेखन व भाषण दिए। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति, बलिदान और अदम्य साहस की मिसाल है। उनकी स्मृति में भोपाल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर बरकतुल्ला विश्वविद्यालय रखा गया है।
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1883: चन्द्रधर शर्मा गुलेरी, साहित्यकार।
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1878: रणधीर सिंह, सिख नेता व क्रांतिकारी।

रणधीर सिंह सिख समाज के महान नेता, क्रांतिकारी और सुधारक थे। उनका जन्म 7 जुलाई 1878 को पंजाब के लुधियाना जिले के नारंगवाल गाँव में हुआ था। वे सामाजिक सुधारों के प्रबल समर्थक थे और अस्पृश्यता तथा महिलाओं के अधिकारों के पक्षधर रहे। रणधीर सिंह ने ‘सिंह सभा’ और ‘गुरुद्वारा सुधार आंदोलन’ में सक्रिय भूमिका निभाई तथा अखंड कीर्तनी जत्था की स्थापना की। वे लाहौर षड्यंत्र केस के नायक और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी थे। रणधीर सिंह को अपने क्रांतिकारी कार्यों के लिए 17 वर्ष तक जेल में रहना पड़ा। वे गहरे धार्मिक विचारों वाले थे और उनकी लेखनी तथा काव्य प्रतिभा ने सिख समाज में जागरूकता लाई। उनका जीवन सिख धर्म, सामाजिक न्याय और देशभक्ति के आदर्शों की प्रेरणा है, जो आज भी समाज को दिशा देता है।
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1914: अनिल बिस्वास, संगीतकार।

अनिल बिस्वास भारतीय फिल्म संगीत के स्वर्ण युग के महान संगीतकार माने जाते हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1914 को बारिसाल (अब बांग्लादेश) में हुआ था। अनिल बिस्वास ने 1930 और 1940 के दशक में हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी। वे पार्श्व गायन (प्लेबैक सिंगिंग) के अग्रदूतों में से एक थे और फिल्म संगीत में ऑर्केस्ट्रा तथा कोरस का प्रभावी प्रयोग करने वाले पहले संगीतकारों में गिने जाते हैं।उन्होंने ‘रोटी’, ‘किस्मत’, ‘अनोखा प्यार’, ‘तराना’, ‘वारिस’, ‘परदेसी’ जैसी फिल्मों में अमर संगीत दिया। उनकी धुनों में भारतीय शास्त्रीय, लोक और पश्चिमी संगीत का सुंदर समावेश मिलता है। अनिल बिस्वास ने लता मंगेशकर, तलत महमूद, मुकेश जैसे गायकों को मंच दिया और उन्हें तराशा।
उनकी रचनाओं में सामाजिक चेतना और भावनात्मक गहराई झलकती है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। अनिल बिस्वास की संगीत यात्रा ने हिंदी फिल्म संगीत को आधुनिकता, विविधता और संवेदनशीलता दी, जो आज भी हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
7 July को अन्य उल्लेखनीय घटनाएँ
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1668: सर आइज़ैक न्यूटन ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
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1799: महाराजा रणजीत सिंह ने लाहौर पर कब्जा किया।
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1943: रास बिहारी बोस ने आज़ाद हिंद फौज की कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सौंपी।
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