जीएसटी (GST) काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों ने कपड़ों के बाजार में एक बड़ा बदलाव ला दिया है। सरकार ने जीएसटी स्लैब को 4 से घटाकर 2 (5% और 18%) कर दिया है, जिससे कपड़ों की कीमतों पर मिला-जुला असर देखने को मिलेगा। जहां कुछ कपड़े सस्ते होंगे, वहीं ब्रांडेड और महंगे कपड़े अब पहले से ज्यादा महंगे हो जाएंगे।
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क्या हुआ है बदलाव?
अब तक, ₹1,000 तक की कीमत वाले कपड़ों पर 5% जीएसटी लगता था, जबकि ₹1,000 से ऊपर की कीमत वाले कपड़ों पर 12% जीएसटी लगता था। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत:
- ₹2,500 तक के कपड़े और जूते: अब ₹2,500 तक की कीमत वाले कपड़ों और जूतों पर केवल 5% जीएसटी लगेगा। इसका मतलब है कि ₹1,000 से ₹2,500 तक की रेंज वाले कपड़े अब पहले के मुकाबले सस्ते हो जाएंगे। यह आम और मध्यम वर्ग के खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत है।
- ₹2,500 से ज्यादा के कपड़े: जिन कपड़ों की कीमत ₹2,500 से ज्यादा है, उन पर अब 18% जीएसटी लगेगा। यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि पहले इन पर केवल 12% जीएसटी लगता था। यानी अब ब्रांडेड और महंगे कपड़े, जैसे कि शादी के लहंगे, सूट या डिजाइनर वियर, पहले से भी ज्यादा महंगे हो जाएंगे।
ग्राहकों पर सीधा असर
यह बदलाव सीधे तौर पर ग्राहकों की जेब पर असर डालेगा। अगर आप ₹2,000 की कोई शर्ट या साड़ी खरीदते हैं, तो पहले आपको 12% जीएसटी (₹240) देना पड़ता था, लेकिन अब आपको केवल 5% जीएसटी (₹100) देना होगा, जिससे आपकी ₹140 की बचत होगी।
वहीं, अगर आप ₹3,000 की कोई जैकेट खरीदते हैं, तो पहले आपको 12% जीएसटी (₹360) देना पड़ता था, जबकि अब आपको 18% जीएसटी (₹540) देना होगा। इससे यह जैकेट अब ₹180 महंगी हो जाएगी।
यह बदलाव 22 सितंबर से लागू होगा, जो त्योहारी सीजन की शुरुआत है। इसका मकसद सामान्य उपयोग की वस्तुओं को सस्ता कर खपत बढ़ाना है, लेकिन साथ ही लग्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर राजस्व भी बढ़ाना है। कपड़ा उद्योग के जानकारों का मानना है कि इस कदम से जहां छोटे और मझोले व्यापारियों को फायदा होगा, वहीं ब्रांडेड कपड़ों के कारोबार पर थोड़ा असर पड़ सकता है।
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