रायपुर 4 अप्रैल 2025। उप मुख्यमंत्री अरुण साव जी ने लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास होने पर प्रसन्नता जताई है। इस फैसले को उन्होंने देशवासियों के लिए ऐतिहासिक बताया है। श्री साव ने रायपुर आवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 2014 से रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की नीति पर चल रहे हैं। इसी दिशा में वक्फ संशोधन बिल भी महत्वपूर्ण है।
उप-मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि, रेलवे और सेना के बाद वक्फ के पास सर्वाधिक 9.4 लाख एकड़ जमीन है। इस जमीन का सही तरीके से मैनेजमेंट नहीं हो रहा था। और कुछ चुनिंदा लोग इसका लाभ ले रहे थे। वहीं पिछले दिनों वक्फ को लेकर कई अनियमिताएं समाने आई थी। इसलिए अब संशोधन के बाद वक्फ की संपत्ति पारदर्शी होगी। आम लोगों के लिए उपयोग में आएगी।
श्री साव ने कहा कि, वक्फ कानून में अनेक खामियां थी। जैसे आदिवासी की जमीन को भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी जाती थी। सरकारी संपत्ति और अन्य धर्म समाज की संपत्तियों को वक्फ का बता दिया जाता था। ये सब गड़बड़ इसलिए हो रही थी, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड का गठन सही तरीके से नहीं किया था। इसमें महिलाओं को कोई स्थान नहीं दिया गया था। लोकसभा चुनाव 2014 के पहले तुष्टिकरण की राजनीति के लिए जल्दबाजी में संशोधन किया गया था। उन्होंने कहा कि, अब मोदी सरकार द्वारा इस बिल में ऐसे अनेक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं, इससे वक्फ की संपत्ति में पारदर्शिता आएगी। मैनेजमेंट सही तरीके से होगा और उस संपत्ति का सदुपयोग भी होगा।
श्री साव ने कांग्रेस और इंडी नेताओं के बयान पर कहा कि, यही लोग धारा 370, 35 A और CAA को लेकर झूठ फैलाई थी, इसको लेकर तमाशा खड़ा किया गया था। आज ये लागू हो गया है। किस मुस्लिम की नागरिकता समाप्त हुई। अब वे अपने कथन को सही साबित करके दिखाएं, झूठ बोलकर भ्रम फैलाना विपक्षी दल बंद करें। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी से संभाला नहीं जा रहा है। वहां बांग्लादेशी घुसपैठिए अराजकता फैलाकर रखे हुए हैं। उन्हें इस मामले में बोलने का अधिकार ही नहीं है। आम देशवासी और मुस्लिम समाज इस संशोधन को स्वीकार कर रहा है। यह संशोधन मुस्लिमों के हित में है। उन्होंने कहा कि, मुस्लिम समाज को ये हमेशा डराने का काम करते हैं। इनको टूल बनाकर इनके साथ खेला गया। लेकिन मुस्लिम समाज समझ चुका है, इसलिए ममता बनर्जी की बातों का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।



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