
बलौदाबाजार हिंसा: कोर्ट का बड़ा फैसला, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव समेत आठ पर आरोप तय
रायपुर | बलौदाबाजार हिंसा मामले में बुधवार को जिला न्यायालय से चौंकाने वाला फैसला सामने आया। कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव सहित आठ अन्य लोगों पर गंभीर आरोप तय कर दिए गए हैं। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सभा में मौजूद आठ से दस हजार लोगों को उग्र आंदोलन और विधि विरुद्ध जमाव के लिए भड़काने का संगीन आरोप है। यही नहीं, भीड़ को पुलिस अधिकारियों की हत्या के प्रयास और आगजनी के लिए उकसाने का मामला भी दर्ज किया गया है।
जैतखाम विवाद से भड़की थी हिंसा
इस हिंसा की जड़ें जैतखाम तोड़ने के विवाद से जुड़ी हैं, जिसने पूरे जिले को हिला कर रख दिया था। इस घटना के बाद हालात इतने बिगड़े कि 200 से अधिक वाहन आग के हवाले कर दिए गए। 12 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। कोर्ट ने पाया कि 10 जून 2024 की सुबह, दशहरा मैदान में सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान विधायक देवेंद्र यादव, मोहन बंजारे और अन्य आरोपितों ने भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था।
विधायक देवेंद्र यादव छह महीने जेल में रहे
इस मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। छह महीने तक जेल में रहने के बाद, सुप्रीम कोर्ट से फरवरी में जमानत मिली, लेकिन अब उन पर मुकदमा चलेगा। उनके साथ किशोर कुमार नवरंगे, दिनेश कुमार चतुर्वेदी, राजकुमार सतनामी, नितेश उर्फ निक्कू टंडन, ओमप्रकाश बंजारे और दीपक घृतलहरे भी आरोपी बनाए गए हैं।
आने वाले दिनों में क्या होगा?
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक आंदोलन था या एक सोची-समझी साजिश? कोर्ट का फैसला आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। अब सभी की निगाहें इस मुकदमे की अगली सुनवाई पर टिकी हैं—क्या ये नेता खुद को निर्दोष साबित कर पाएंगे या दोष सिद्ध होने पर सजा का सामना करेंगे? आगामी सुनवाई में कई और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है!
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