शाहरुख खान आज बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में गिने जाते हैं। 1992 में आई डेब्यू फिल्म ‘दीवाना’ से सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने के बाद, महज तीन साल के भीतर—साल 1995—उन्होंने एक साथ सात फिल्मों में काम किया। यही वह दौर था जब शाहरुख की चमकदार यात्रा वास्तव में परवान चढ़ी और हर गुजरते साल के साथ उनका स्टारडम बढ़ता चला गया।
1995: सात फिल्मों का सुपर साल
उस साल रिलीज़ फिल्मों में शामिल थीं ‘करण अर्जुन’, ‘जमाना दीवाना’, ‘गुड्डू’, ‘ओ डार्लिंग ये है इंडिया’ और बेंचमार्क रचने वाली ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ)। भले ही इन सात में से चार फिल्में बॉक्स-ऑफिस पर कोई खास कमाल न दिखा सकीं, लेकिन शाहरुख-सलमान की जोड़ी वाली ‘करण अर्जुन’ और रोमांस की परिभाषा बदल देने वाली DDLJ ने उन्हें इंडस्ट्री का सुपरस्टार बना दिया।
‘करण अर्जुन’ में सलमान के साथ जबरदस्त केमिस्ट्री
‘करण अर्जुन’ में सलमान खान के साथ भाइयों के किरदार में नज़र आए शाहरुख ने राखी गुलज़ार के साथ भावनात्मक रिश्ता गढ़ा, जिसे दर्शक आज भी याद करते हैं। यह फिल्म न केवल सुपरहिट रही बल्कि शाहरुख-सलमान की दोस्ती और ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री का प्रतीक बन गई।
DDLJ: सफलता का मील का पत्थर
साल की सबसे बड़ी कामयाबी DDLJ थी, जिसने 25 साल से ज़्यादा वक्त तक मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमाघर में चलकर इतिहास रचा। इस एक फिल्म ने शाहरुख खान को रोमांस के बादशाह की उपाधि दिलाई और दो पीढ़ियों के दिलों पर स्थायी छाप छोड़ दी।
कुल मिलाकर, 1995 ने शाहरुख खान को हिंदी सिनेमा के शिखर पर पहुंचाने की नींव रखी—एक ऐसा मुकाम, जहां से उनकी चमक आज भी बरकरार है।



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