Superstition murder case : राजनांदगांव, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक स्थित मारगांव में अंधविश्वास के चलते एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक अंधविश्वास का खुलकर विरोध करने वाले युवक आंगेश्वर साहू (40) की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी महेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है।
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कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
पुलिस के मुताबिक, आरोपी महेश सिन्हा ने नवदुर्गा उत्सव के दौरान एक महिला के घर के बाहर “माता लक्ष्मी का पदचिह्न” बनाकर यह अफवाह फैला दी थी कि वहां चमत्कार हो रहा है।महेश ने दावा किया कि यह देवी का चिह्न है और इससे “आशीर्वाद” मिलता है।लेकिन कुछ ग्रामीणों को इस पर शक हुआ। आंगेश्वर साहू, जो उसी महिला के रिश्तेदार थे, ने गांव की बैठक में इस छल का खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि यह धार्मिक धोखाधड़ी है और लोगों को गुमराह किया जा रहा है।गांव की पंचायत में आरोपी और संबंधित महिला दोनों ने गलती स्वीकार की, और पंचायत ने महेश पर ₹50,000 का अर्थदंड (जुर्माना) लगाया।यही बात महेश को नागवार गुज़री — और इसी से उसने आंगेश्वर की हत्या की साजिश रच डाली।
हत्या की वारदात: खेत में मिला शव
10 नवंबर की सुबह आंगेश्वर साहू खेत की फसल देखने साइकिल से निकले थे।शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की।खोजबीन के दौरान खेत के पास उनकी साइकिल और चप्पलें मिलीं, लेकिन व्यक्ति का कोई सुराग नहीं था।गांववालों ने बताया कि उन्होंने आरोपी महेश सिन्हा को उसी दिन खून से सने कपड़ों में देखा था।अगले दिन सुबह ग्रामीणों ने उसे खेत के पास एक कुएं में पैरा (घास) डालते हुए देखा — जिससे शक और गहराया।कुएं के पास जब खोजबीन की गई, तो आंगेश्वर का शव पानी में मिला।
आरोपी गिरफ्तार, पुलिस की कार्रवाई जारी
डोंगरगांव थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी महेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी से पूछताछ जारी है और हत्या में प्रयुक्त हथियार व कपड़े जब्त किए जा चुके हैं।पुलिस ने बताया कि मामला पूर्व नियोजित हत्या (Premeditated Murder) का प्रतीत होता है।
राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक ने कहा कि –
“अंधविश्वास के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आरोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं।”
गांव में मातम और आक्रोश
आंगेश्वर साहू की हत्या के बाद गांव में शोक और गुस्से का माहौल है।ग्रामीणों का कहना है कि वह हमेशा सत्य और समाज सुधार की बात करते थे।उन्होंने कई बार अंधविश्वास और झूठे चमत्कारों के खिलाफ लोगों को जागरूक किया था।
अंधविश्वास के खिलाफ सबक
यह घटना फिर साबित करती है कि अंधविश्वास केवल अज्ञान नहीं, बल्कि समाज के लिए खतरा बन चुका है।ऐसे लोग जो सत्य और विवेक की आवाज उठाते हैं, उन्हें समाज का समर्थन और सुरक्षा दोनों की ज़रूरत है।



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