Selfie incident, रायपुर, 9 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। खारून नदी के रेलवे ब्रिज पर चलती ट्रेन में सेल्फी लेने की कोशिश कर रही 20 से 22 साल की युवती का संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे ट्रैक पर जा गिरी। सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रात में हुई घटना, सुबह मिला शव
यह हादसा रविवार देर रात हुआ, लेकिन इसकी जानकारी पुलिस को अगले दिन सुबह मिली, जब रेलवे ट्रैक के किनारे रक्त से लथपथ शव पड़ा देखा गया। मौके पर पहुंची जीआरपी और स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
तीन दिन तक नहीं हो सकी पहचान
पुलिस ने आसपास के इलाकों और थानों में युवती की पहचान के लिए जानकारी जुटाने की कोशिश की, लेकिन तीन दिन गुजर जाने के बाद भी मृतका की पहचान नहीं हो पाई। आखिरकार पुलिस ने शव को लावारिस मानकर अंतिम संस्कार (दफन) करा दिया।
मीडिया को नहीं दी गई जानकारी
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया को नहीं दी। आमतौर पर ऐसे मामलों में मीडिया के माध्यम से पहचान कराने की कोशिश की जाती है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं किया गया।
पहले भी हुआ था ऐसा मामला
यह कोई पहला मामला नहीं है। पांच महीने पहले आमानाका थाना क्षेत्र में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था।शंकरनगर निवासी इंजीनियर मृणाल (41 वर्ष) का शव नाले में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। सिविल लाइंस थाना में उसकी गुमशुदगी दर्ज थी, लेकिन दोनों थानों के बीच समन्वय की कमी के चलते शव की पहचान नहीं हो पाई और पुलिस ने उसे लावारिस मानकर दफन करा दिया था।चार दिन पहले ही परिजनों को उसकी मौत की जानकारी मिली थी।
प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
इन दोनों मामलों ने पुलिस की कार्यप्रणाली और सिस्टम की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि मीडिया की मदद लिए बिना पहचान कैसे होगी? क्या हर अनजान शव को ऐसे ही “लावारिस” मानकर दफन कर दिया जाएगा?



More Stories
CG : छत्तीसगढ़ में शीतलहर का प्रकोप जारी, स्कूलों के समय में हुआ बदलाव, आदेश जारी
Disease Outbreak : दूषित पानी का कहर दूसरे गांव में फैल रही बीमारी, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
Chhattisgarh High Court decision : छत्तीसगढ़ हाई-कोर्ट ने पिता को अविवाहित बेटी का भरण-पोषण और शादी का खर्च देने का आदेश बरकरार रखा