Religious freedom school controversy रायपुर, 30 सितंबर 2025 राजधानी रायपुर के मोवा क्षेत्र स्थित आदर्श विद्यालय में धार्मिक प्रतीकों को लेकर उठे विवाद ने एक बार फिर बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रों को कलावा (मौली) बाँधने और माथे पर तिलक लगाने से रोकने की शिकायत सामने आने के बाद, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया है।
बाल आयोग ने जताई आपत्ति, स्कूल प्रबंधन को किया तलब
बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने इस घटना को बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि यह कृत्य भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के खिलाफ प्रतीत होता है। आयोग ने स्कूल प्रबंधन को लिखित प्रतिवेदन के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है।
EDITORIAL-5: “रेबीज चूक: पालतू खरोंच पर लापरवाही, जानलेवा भूल”
कानूनी कार्रवाई के संकेत
आयोग ने इस मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 13(ज) एवं धारा 14 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। डॉ. शर्मा ने स्पष्ट किया कि आयोग बच्चों के धार्मिक, सामाजिक और मानसिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस प्रकार की किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
More Stories
Festival Special Train: पूजा पर स्टेशन नहीं होंगे पैक, SECR की ट्रेनों से बुकिंग का दबाव कम होगा
Wine Bottle Accident: युवक की कमर में घुसा शीशी का कांच, इलाज जारी
Restriction On Movement : एनीकट पर बह रहा था पानी , मिनी ट्रक में 30-40 लोग सवार