छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में तेंदुए की मौजूदगी ने स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। यह क्षेत्र प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर के लिए जाना जाता है, और तेंदुए को मंदिर की सीढ़ियों पर घूमते हुए देखा गया है, जिसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हुई है ।
तेंदुए की उपस्थिति विशेष रूप से एसडीएम और तहसीलदार के आवासों के पास देखी गई, जिससे प्रशासन और स्थानीय निवासी सतर्क हो गए हैं । हालांकि, वन विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे लोगों में नाराजगी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि तेंदुआ नियमित रूप से शाम के समय मुख्य सड़क के पास ऊंची चट्टानों पर देखा जा रहा है, जिससे वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने और मवेशी चराने से डर रहे हैं । सोशल मीडिया पर तेंदुए की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे अफवाहें भी फैल रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, काले तेंदुए की उपस्थिति दुर्लभ है, लेकिन उसके प्रवासन पैटर्न को समझना जरूरी है। यदि उसे पर्याप्त भोजन नहीं मिला, तो वह मवेशियों या इंसानों की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इलाके में कैमरा ट्रैप लगाए जाएं, ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके और सुरक्षा के बेहतर उपाय किए जा सकें ।
यह घटना केवल एक तेंदुए की उपस्थिति नहीं, बल्कि शहरीकरण और जंगलों के बीच बढ़ते संघर्ष की चेतावनी भी है। सुदर्शन पहाड़, जहां यह तेंदुआ देखा गया, कभी घने जंगलों और जैव विविधता से भरा वन्य क्षेत्र था, जो अब मानव बस्तियों के फैलाव से प्रभावित हो रहा है ।
प्रशासन और वन विभाग से अपेक्षा की जा रही है कि वे शीघ्र ही ठोस कदम उठाएं, ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और तेंदुए को सुरक्षित रूप से उसके प्राकृतिक आवास में वापस भेजा जा सके।
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