पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने राजस्थान के पूर्व विधायक के रूप में पेंशन की मांग की है, जो उन्हें पिछले 40 दिनों से नहीं मिल रही थी। यह कदम इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद वे करीब 40 दिनों तक सार्वजनिक रूप से काफी शांत रहे थे। अब इस नए कदम के साथ वे एक बार फिर सक्रिय होते दिख रहे हैं।
SCO समिट में मोदी, वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे
अब मिलेंगी तीन पेंशन
अगर धनखड़ की यह मांग मंजूर हो जाती है, तो उन्हें अब तीन अलग-अलग पेंशन मिलेंगी:
- उपराष्ट्रपति के रूप में पेंशन: भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें नियम अनुसार पेंशन मिलती है।
- राज्यपाल के रूप में पेंशन: वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं, जिसके लिए भी उन्हें पेंशन मिलती है।
- राजस्थान के पूर्व विधायक के रूप में पेंशन: अब उन्होंने राजस्थान के किशनगढ़ से पूर्व विधायक के रूप में अपनी पेंशन मांगी है, जो उन्हें 1993 से 1998 तक के कार्यकाल के लिए मिलेगी।
राजस्थान सरकार के नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति विधायक के रूप में सेवा दे चुका है और वह सांसद या अन्य संवैधानिक पद पर रहते हुए भी पेंशन का हकदार है, तो उसे सिर्फ एक ही पेंशन मिलती है, जो सबसे अधिक हो। हालांकि, उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है और इसके नियम अलग हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें तीन पेंशन मिलती हैं या फिर नियमों में कोई बदलाव किया जाता है।
40 दिन बाद की सक्रियता
उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद से धनखड़ सार्वजनिक मंचों से दूर थे। उन्होंने किसी भी राजनीतिक या सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था। लेकिन अब राजस्थान विधानसभा सचिवालय को पेंशन के लिए आवेदन करने के बाद से वे फिर से सक्रिय हो गए हैं। उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक, वे अपने कानूनी और राजनीतिक मामलों को देख रहे हैं। इस कदम को उनके भविष्य की राजनीतिक भूमिका के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
More Stories
योगी आदित्यनाथ ने उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को दी दीपावली उपहार
Bihar Elections 2025 : लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से मिला BJP का टिकट
Israeli Army Claims : हमास द्वारा लौटाए गए शवों में एक बंधक का शव नहीं